कार्यक्रम. गाजे-बाजे के साथ हर्षोल्लास के साथ सजनी को लेने निकले दूल्हे राजा, शादी के गवाह बने जिले के हजारों लोग
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नगर भवन से निकली 56 वरों की सामूहिक बरात
कार्यक्रम. गाजे-बाजे के साथ हर्षोल्लास के साथ सजनी को लेने निकले दूल्हे राजा, शादी के गवाह बने जिले के हजारों लोग मोतिहारी : गाजे-बाजे के संग शहर में हषोल्लास के साथ सभी दूल्हों की बरात एक साथ नगर भवन से निकली. करीब एक बजे नगर भवन के मैदान से रवाना होकर विवाह स्थल होमगार्ड के […]
मोतिहारी : गाजे-बाजे के संग शहर में हषोल्लास के साथ सभी दूल्हों की बरात एक साथ नगर भवन से निकली. करीब एक बजे नगर भवन के मैदान से रवाना होकर विवाह स्थल होमगार्ड के मैदान पहुंची. जिलेवासी बराती थे. झूमते गुनगुनाते बरात स्थल की ओर बढ़ रहे थे. जगह-जगह पर पुष्प वर्षा से स्वागत होता रहा. एक अलग तरह का दृश्य देखने को मिलता रहा.
नगदाहा सेवा समिति के अध्यक्ष मुन्ना गिरि के नेतृत्व में बरातियों का काफिला आहिस्ते-आहिस्ते बढ़ता रहा और कलाकारों की एक से बढ़ कर एक प्रस्तुति पर झूमता रहा. इस आयोजन में पड़ोसी जिले बेतिया, सीतामढी, शिवहर आदि जिलों की कई नामचीन हस्तियां भी शामिल होने आयी थीं.
इस आयोजन में अपने काे शामिल कर फूले नहीं समा रही थी. एक खास तरह का उत्साह था. लग रहा था कि जिंदगी की सबसे बेहतरीन चीज हासिल कर ली है. दूसरी तरफ बरात देखने के लिए महिलाएं, बच्चे अपने-अपने घरों के छतों पर चढ़ गये थे . वहीं से दूल्हे को आशीर्वाद व मुबारकबाद दे रहे थे.
मुश्किल नहीं है अगर कुछ भी ठान लीजिए
कहिए तो आसमां को जमीं पर उतार लाएं, मुश्किल नहीं है अगर कुछ भी ठान लिजिए… यह शेर किसी शायर ने किस परिस्थिति में व किसके लिए लिखा है, यह तो नहीं कहा जा सकता है, लेकिन यह शेर नगदाहा सेवा समिति के संस्थापक अध्यक्ष मुन्ना गिरि से सटीक बैठ रहा है. जो दिल में ठान लिये वह उसे पूरा करके दिखा दिया.
मुन्ना के इस कदम ने एक नया इतिहास रच दिया है. नयी पीढ़ी के साथ-साथ बुजिर्गों को कुछ करने के लिए मजबूर कर दिया है. इस आयोजन से एक तरफ बेसहारा व आर्थिक तंगी से जूझने वाले गरीब कन्याओं के माता-पिता की भरपूर दुआएं मिल रही हैं, तो दूसरी तरफ दहेज लोभियों के माथे पर कड़ा तमाचा लगा है. पिछले चार वर्षों से इस तरह का आयोजन कर समाज में आपसी सद्भाव को संदेश देनेवाले मुन्ना के इस कार्यक्रम को जनता ने हाथों-हाथ लिया है.
होमगार्ड का मैदान गंगा-जमुनी तहजीब का गवाह बना.एक तरफ हवन हो रहा था और हिन्दू रीति रिवाज से शादी हो रही थी, तो दूसरी तरफ निकाह के लिए मुस्लिम जोड़े तैयार बैठे थे. पाणिग्रहण संस्कार चल रहा था और वैदिक मंत्रों की गूंज हो रही थी तो वहीं कुरआन की आयतें पढ़ी जा रही और मौलाना खुतबा पढ़ा रहे थे. हजारों लोग इस अनोखे विवाह समारोह के गवाह बन रहे थे और आनंद व उत्साह के सागर में गोता लगाते नहीं थक रहे थे.दूसरी तरफ कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन पंडितों व उलेमाओं द्वारा संयुक्त रूप से कर कौमी एकता का शानदार नमूना पेश किया गया.
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