रक्सौल : तीन दशक से अधिक समय से रक्सौल रेलवे स्टेशन स्टेशन पर फर्जी रूप से कैटरिंग एक व्यक्ति द्वारा चलाया जाता रहा है. लेकिन रेलवे के अधिकारी कुछ नहीं कर सके. मामला का खुलासा तब हुआ जब मोकामा शहर निवासी पंकज सिंह ने रेलवे समस्तीपुर को आवेदन दे कर कहा कि लेकिन समस्तीपुर रेल मंडल के रक्सौल स्टेशन पर उसके नाम पर कैटरिंग का संचालन होता है. जिसके बाद से रेलवे की विजिलेंस की टीम कैटरिंग लाइसेंस की गड़बड़ी की जांच कर रही है. जानकारी के मुताबिक 1980 में मोकामा के पंकज सिंह के नाम पर कैटरिंग का लाइसेंस हुआ था.
किसी कारण वश वह दो साल बाद ही काम छोड़ दिया और रेलवे को लिख कर दे दिया कि वह काम नहीं रहेगा. इसकी जानकारी देते हुए पंकज सिंह ने चचेरे भाई शैलेन्द्र सिंह को लगी. तब शैलेन्द्र रेलवे के अधिकारियों के सांठ-गांठ कर पंकज सिंह के लाइसेंस पर पंकज का लगा फोटो हटवा दिया और उसकी जगह अपना फोटो लगा कर पंकज सिंह बन कर अब तक कैटरिंग चला रहा है. इतना ही पोस्टल पता बदलकर मुजफ्फरपुर कर दिया गया था.
जिससे किसी प्रकार का पत्र मोकामा नहीं जाकर सीधे मुजफ्फरपुर जाता था. पंकज के खुलासे के बाद विभाग जांच कर रहा है. लेकिन अब तक स्टेशन पर कैटरिंग का संचालन जारी है. शुक्रवार को विजिलेंस की टीम रक्सौल पहुंची. लेकिन वह कुछ भी बताने से इंकार करते रहे. हालांकि इस दौरान खोमचा वालों का मेडिकल जांच किया गया.