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अपहर्ताओं ने लीची का लालच दे आदित्य को किया था अगवा

मोतिहारी : बंजरिया के अजगरी मठवा टोला के संवेदक पुत्र आदित्य कुमार को चचेरे भाई हरिओम ने लीची का लालच देकर अगवा किया था. आदित्य के अपहरण की प्लानिंग हरिओम ने बनायी थी. वह साथियों के साथ मिल आदित्य को लीची खिलाने के बहाने घर से बाहर ले गया, उसके बाद बाइक पर बैठा फुलवार […]

मोतिहारी : बंजरिया के अजगरी मठवा टोला के संवेदक पुत्र आदित्य कुमार को चचेरे भाई हरिओम ने लीची का लालच देकर अगवा किया था. आदित्य के अपहरण की प्लानिंग हरिओम ने बनायी थी. वह साथियों के साथ मिल आदित्य को लीची खिलाने के बहाने घर से बाहर ले गया, उसके बाद बाइक पर बैठा फुलवार पहुंचा. वहां बाइक लेकर दुलार सहनी व धमल राय पहले से खड़ा था. हरिओम ने आदित्य को उन दोनों को सौंप दिया.

धमल राय ने आदित्य को दो दिनों तक घोड़ासहन के खर झखिया स्थित अपने घर में छुपा कर रखा. पुलिस की ताबड़तोड़ छापेमारी के डर से धमल राय ने आदित्य को लेकर अपना ठिकाना बदल दिया. आदित्य को लेकर आदापुर कटकेनवा निवासी दुलार सहनी के घर पहुंचा, लेकिन पुलिस की नजरों ने नहीं बच सका. पुलिस ने कटकेनवा में छापेमारी कर आदित्य को सकुशल बरामद कर दुलार सहनी व धमल राय को रंगेहाथ पकड़ लिया.

इसका खुलासा अपहरण में शामिल संवेदक दिलीप सिंह के घर का नौकर भुलन चौधरी ने पुलिस को दिये स्वीकारोक्ति बयान में किया है. उसने बताया है कि आदित्य को घर से अगवा करने में उसके साथ हरिओम सिंह, अजगरी का सिकंदर साह, सुगौली खोड़ा मनसिंघा का नरेश सहनी शामिल था. आदित्य को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के बाद उक्त सभी परिजन व पुलिस की गतिविधियों की जानकारी हासिल कर दुलार व धमल को पलपल की सूचना दे रहे थे. सदर डीएसपी पंकज कुमार रावत ने बताया कि हरिओम के साथ भुलन चौधरी, धमल राय व दुलार सहनी की गिरफ्तारी हो चुकी है. वहीं, नरेश सहनी व सिकंदर कुमार की गिरफ्तारी को लेकर छापेमारी की जा रही है.
हरिओम बाइक चोरी में जा चुका है जेल : आदित्य के अपहरण की साजिश रचने वाला उसका चचेरा भाई हरिओम सिंह बाइक चोरी में पहले जेल जा चुका है. उसने पुलिस को बताया है कि दो वर्ष पहले तुरकौलिया के मझरिया से संजीव कुमार, सुनील कुमार व मो शकील के साथ मिलकर बाइक चुरायी थी. बाइक चोरी कर भागते समय नगर पुलिस ने चारों को अवधेश चौक के पास दबोच लिया था.
जेल से छूटने पर शुरू कर दी थी प्लानिंग : हरिओम ने पुलिस को बताया है कि जेल से जमानत पर छुटने के बाद से ही आदित्य के अपहरण की साजिश रच रहा था. इसके लिए उसने पहले सहयोगियों की राय ली, उसके बाद आदित्य को छुपाकर रखने का ठिकाना चुना गया. प्लानिंग के मुताबिक 27 मई को आदित्य को लीची खिलाने के बहाने अगवा कर लिया. घटना के तीन दिन बाद ही पुलिस ने आदित्य को सकुशल बरामद कर चार बदमाशों को दबोच लिया.
घोड़ासहन के खरझखिया में दो दिन तक रहा था आदित्य
पुलिस की ताबड़तोड़ छापेमारी की डर से बदला ठिकाना
आदापुर के कटकेनवा से किया था बरामद

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