गड़बड़ी. बगैर टेंडर व मानक का उल्लंघन कर की गयी थी खरीदारी, नहीं मिली रिपोर्ट
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बुझ गयी 70 करोड़ की सोलर लाइट
गड़बड़ी. बगैर टेंडर व मानक का उल्लंघन कर की गयी थी खरीदारी, नहीं मिली रिपोर्ट विभिन्न योजनाओं से गांव व शहर को सोलर लाइट से चकाचौंध करने की योजना धरातल पर उतरने के साथ समाप्त हो गयी. वहीं, कई क्षेत्रों को कागजी खानापूर्ति कर गांवों में लाइट जलाने का दावा किया गया, लेकिन मांग के […]
विभिन्न योजनाओं से गांव व शहर को सोलर लाइट से चकाचौंध करने की योजना धरातल पर उतरने के साथ समाप्त हो गयी. वहीं, कई क्षेत्रों को कागजी खानापूर्ति कर गांवों में लाइट जलाने का दावा किया गया, लेकिन मांग के बाद भी अधिकारियों को रिपोर्ट नहीं दी गयी. यह योजना करीब 60 से 70 करोड़ की है.
मोतिहारी : पूर्वी चंपारण जिले में विभिन्न योजनाओं से मानक के विरुद्ध खरीद की गयी सोलर लाइट योजना अधिकारियों के साथ पंचायत सचिव, पूर्व व निवर्तमान मुखिया एवं बीडीओ के गले की फांस बन सकती है. क्योंकि प्रशासनिक स्तर पर सोलर लाइट योजना के पन्ने पलटे जाने लगे हैं. उक्त योजना पर करीब 60 से 70 करोड़ खर्च का अनुमान है और मांग के बाद भी संबंधित बीडीओ व इससे जुड़े लोगों द्वारा सही रिपोर्ट नहीं दी गयी है. डीडीसी सुनील कुमार यादव ने कहा है कि इस तरह के गंभीर मामले में जांच कर कार्रवाई की जायेगी.
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 12वें वित्त आयोग की राशि के साथ सांसद, विधायक, नगर परिषद, नगर पंचायत व ग्राम पंचायतों द्वारा सोलर लाइट खरीद कर वर्ष 2010 में लगाये गये, जो लगने के साथ बूझ गयी. इस कार्य को जिले के 27 प्रखंडों के गांव व सात नगर निकायों में अंजाम दिया गया. सुगौली सहित कई निकायों द्वारा प्राथमिकी भी दर्ज की गयी, लेकिन अब तक नतीजा ढाक के तीन पात ही है.
क्या है सोलर खरीद का मामला : 12वें वित्त आयोग के करीब 60 करोड़, सांसद, विधायक, नगर पंचायत और नप के द्वारा सोलर लाइट लगायी गयी. सभी राशि को जोड़ दिया जाये तो यह 70 करोड़ से अधिक हो सकती है. 2010 के आस-पास के वर्षों में जो सोलर लाइट लगीं उसमें अधिकांश गायब हैं. जलने की बात तो दूर कुछ चोर भी ले गये.
विभागीय स्तर पर नहीं मिल रहा खरीद का सही आंकड़ा: विभागीय स्तर पर भेल कंपनी से सोलर लाइट खरीदने का आदेश दिया गया था. उक्त कंपनी के सोलर लाइट की कीमत उस समय 27 हजार रुपये थी, लेकिन इसमें शामिल लोगों ने भेल के बजाय दूसरे कंपनी का सोलर लाइट खरीद 35 से 40 हजार तक का भुगतान किया. वह भी बगैर टेंडर के विभागीय मानक का भी पालन नहीं हुआ, अब विभागीय स्तर पर खरीद का सही आंकड़ा नहीं मिल रहा है. नहीं किसी अधिकारी ने रिपोर्ट दिया है.
इन बिंदुओं पर मांगी गयी थी रिपोर्ट : सभी बीडीओ (तत्कालीन) से सोलर लाइट खरीद में पंचायत वार रिपोर्ट मांगी गयी थी. इसमें सोलर किस मद से खरीद हुई, टेंडर हुआ था या नहीं, ब्रेडा के नियम का पालन हुआ या नहीं, क्या खरीद की योजना क्रय समिति से पारित हुई थी, लेकिन अधिकारियों के निर्देश के बाद भी प्रखंडों से अब तक रिपोर्ट नहीं आयी.
नये सिरे से शुरू हुई सोलर खरीद मामले की जांच
अधिकांश राशि 12वें वित्त आयोग की
पंचायत सचिव, मुखिया व बीडीओ के गले का फांस बन सकता है मामला
मामला वर्ष 2010 से पूर्व का है
गांवों में नहीं दिखाई देते अधिकांश सोलर लाइट
क्या कहते हैं अधिकारी
मानक का उल्लंघन कर सोलर लाइट खरीद का मामला गंभीर है. कहीं से कोई संतोषजनक रिपोर्ट भी नहीं आयी है. सोलर लाइट खरीद से संबंधित कागजातों की जांच नये सिरे से आरंभ कर दी गयी है. दोषी पूर्व निवर्तमान मुखिया, सचिव, बीडीओ या कोई दोषी होंगे तो कार्रवाई तय है. 27 के बदले 40 हजार तक का सोलर खरीद भी खरीदारों के मंशा को उजागर करता है.
सुनील कुमार यादव, डीडीसी
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