मोतिहारी : पूर्वी चंपारण जिले में मेनू के अनुसार एमडीएम का नहीं बनना आम बात जैसी हो गयी है . लेकिन धंधेबाजों ने स्कूल में बगैर चावल उपलब्ध कराये प्रधान शिक्षकों से प्राप्ति का हस्ताक्षर करा लेने का नया मामला उजागर हुआ है. मामला फेनहारा प्रखंड का है जहां माह अक्तूबर व नवंबर के चावल […]
मोतिहारी : पूर्वी चंपारण जिले में मेनू के अनुसार एमडीएम का नहीं बनना आम बात जैसी हो गयी है . लेकिन धंधेबाजों ने स्कूल में बगैर चावल उपलब्ध कराये प्रधान शिक्षकों से प्राप्ति का हस्ताक्षर करा लेने का नया मामला उजागर हुआ है.
मामला फेनहारा प्रखंड का है जहां माह अक्तूबर व नवंबर के चावल उठाव का हस्ताक्षर साधन सेवियों के द्वारा प्रधान शिक्षकों से करा लिया गया है . पकड़ी दयाल एसडीओ शैलेश कुमार ने बताया कि कुल चावल करीब 219 क्विंटल है .
उन्होंने कहा कि रिपोर्ट वरीय अधिकारियों को भेज दी गयी है . इधर कुल चावल का बाजार मूल्य करीब पांच लाख 10 हजार रुपये होता है . मामले को डीएम अनुपम कुमार ने गंभीरता से लेते हुए कहा कि बच्चों के भोजन से हकमारी बर्दाश्त नहीं की जायेगी .डीएम ने जिला शिक्षा पदाधिकारी, एसडीओ पकड़ीदयाल काे पत्र लिखा है .
इधर अपर समाहर्ता के नेतृत्व में जांच टीम गठित करते हुए डीआरडीए निर्देशक को भी टीम में शामिल कर तीन दिनों के अंदर रिपोर्ट मांगी है .
मामले का दिलचस्प पहलू यह है कि 10 दिसंबर को बीआरसी में प्रखंड के प्रधानाध्यापकों की बैठक थी. इस दौरान साधन सेवियों के द्वारा प्रधानाध्यापकों से बगैर चावल उपलब्ध कराये शिक्षकों से अक्तूबर व नवंबर माह के चावल प्राप्ति का अग्रिम हस्ताक्षर करा लिया गया. चावल नहीं मिलने के कारण वहां दो माह से एमडीएम बंद है.
जानकार बताते हैं कि इस तरह का खेल एमडीएम में पूरे जिले में होता है अगर स्कूल व गोदाम का स्थलीय जांच करायी जाय तो हर जगह की सच्चाई सामने आ जायेगी.
इधर डीएम के इस कार्रवाई से कालाबाजार में चावल बेचनेे वाले साधन सेवियों व शिक्षकों में हड़कंप है . इधर फेनहारा के बीइओ उस्मान अंसारी ने बताया कि चावल उठाव व वितरण की जानकारी विभाग या साधन सेवी किसी के द्वारा हमको नहीं दी जाती है .