मोतिहारी : दहेज उत्पीड़न रोकने को बना कानून मजाक बनकर रह गया है. कानून का सख्ती से पालन नहीं हो रहा. यही कारण है कि आये दिन दहेज उत्पीड़न के मामले सामने आ रहे है. पीड़िता थाना पहुंचती है, ससुराल वालों पर उत्पीड़न का आरोप लगाती है. उनकी शिकायत पर प्राथमिकी भी दर्ज होती है, लेकिन न तो आरोपियों पर सख्त कार्रवाई न ही दोनों पक्षों को मिलाने का प्रयास होता है. नतीजतन ससुराल वाले दहेज की लोभ में उसे मौत के घाट उतार देते है.
इस तरह के मामले के समाधान के लिए महिला थाना तो खुला, लेकिन प्रयाप्त संसाधनों के अभाव में थाना में प्राथमिकी दर्ज करने के सिवा आगे की कार्रवाई नहीं हो पाती. महिला थाना में पिछले 24 घंटे में दहेज उत्पीड़न के दो मामले दर्ज हुए है. दोनों मामलों में पति ने विदेश जाने के लिए ससुराल वालों से पैंसों का डिमांड किया. पैसा नहीं मिला तो पत्नी को प्रताड़ित कर हुक्का-पानी बंद कर दिया. उसके बाद भी डिमांड पूरी नहीं हुई तो मारपीट कर घर से निकाल दिया.
फिलहाल दोनों पीड़िता बच्चों को लेकर मायके में इस विश्वास के साथ गुजर-बसर कर रही थी कि पति की नाराजगी दूर होगी. उसके जीवन में फिर से खुशियां लौटेगी, लेकिन जब बात पति दूसरी शादी की तैयारी में लगा तो पीड़िता को थाना में शिकायत दर्ज करानी पड़ी.
अब देखना यह है कि महिला थाना की पुलिस दोनों पीड़िताओं को इंसाफ दिलाती है या फिर अन्य पीड़िताओं की तरह इनका भी वहीं हर्ष होगा. महिला थाना की प्रभारी नीरू कुमारी ने बताया कि दहेज उत्पीड़न के मामले में पहले तो समझौता का प्रयास किया जाता है, लेकिन ससुराल पक्ष के लोग नहीं मानते तो पीड़िता के आवेदन पर केश दर्ज करना पड़ता है.
रहीं बात इंसाफ की तो पुलिस हर संभव प्रयास करती है कि पीड़िता को न्याय मिल सके.