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आठ सालों से फाइल में बंद है योजना
केंद्रीय विद्यालय की तर्ज पर बनने थे मॉडल स्कूल मोतिहारी : दूरस्थ क्षेत्रों के बच्चों को गुणात्मक शिक्षा देने के लिए करीब आठ साल पहले केंद्र सरकार ने प्रत्येक प्रखंड में एक मॉडल स्कूल की घोषणा की थी़ पूर्वी चंपारण के 27 प्रखंडों में भी एक-एक आदर्श स्कूल बनाने की योजना थी, जो केंद्रीय विद्यालय […]
केंद्रीय विद्यालय की तर्ज पर बनने थे मॉडल स्कूल
मोतिहारी : दूरस्थ क्षेत्रों के बच्चों को गुणात्मक शिक्षा देने के लिए करीब आठ साल पहले केंद्र सरकार ने प्रत्येक प्रखंड में एक मॉडल स्कूल की घोषणा की थी़ पूर्वी चंपारण के 27 प्रखंडों में भी एक-एक आदर्श स्कूल बनाने की योजना थी, जो केंद्रीय विद्यालय के तर्ज पर बनने थे,
लेकिन यह योजना अब तक धरातल पर नहीं उतर पायी है़ योजना 15 अगस्त 2007 को घोषित हुई थी़ योजना के तहत प्रत्येक मॉडल स्कूल में कक्षा छह से 12 तक की पढ़ाई होनी थी़ प्रत्येक मॉडल स्कूल के लिए राशि करीब 3.5 करोड़ स्वीकृत है, जो करीब 83 कोड की योजना है़ मॉडल स्कूल बनाने के पीछे मंशा यह थी कि पिछले इलाके में शैक्षणिक स्वरूप में बदलाव हो़
मूलरूप से एक मॉडल स्कूल के पास वहीं सुविधाएं दिये जाने की योजना है, जो केंद्रीय विद्यालय के पास होती है़ चाहे वह शिक्षक-छात्र के बीच का अनुपात हो, समग्र शैक्षिक वातावरण या पाठ्यक्रम का हो़
पूर्वी चंपारण के सभी 27 प्रखंडों में एक-एक मॉडल स्कूल का चयन कर भूमि चयन के साथ राशि आवंटित की गयी, लेकिन 13 में विभाग द्वारा कार्य समाप्त दिखाया जा रहा है़ 12 मे कार्य आधा-अधूरा है और गोपाल साह हाइस्कूल और मध्य विद्यालय गोला पकड़िया में कार्य आरंभ भी न हो सका है़. जहां कार्य समाप्त दिखाया गया है. वहां अभी मॉडल स्कूल की परिकल्पना धरातल पर नहीं उतर सकी है़
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