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सीमाई इलाकों में लगाये जा रहे भूकंप मापक यंत्र

भविष्य में आने वाली परेशानियों से बचाव रक्सौल : विनाशकारी भूकंप के बाद बिहार आपदा प्रबंधन विभाग भविष्य में दुबारा भूकंप आने पर ज्यादा जान-माल का नुकसान न हो, इसके लिए राज्य के सीमाई इलाके में भूकंप मापक यंत्र लगाने की तैयारी में है. मंगलवार को भूकंप प्रभावित रक्सौल में हालात का जायजा लेने के […]

भविष्य में आने वाली परेशानियों से बचाव
रक्सौल : विनाशकारी भूकंप के बाद बिहार आपदा प्रबंधन विभाग भविष्य में दुबारा भूकंप आने पर ज्यादा जान-माल का नुकसान न हो, इसके लिए राज्य के सीमाई इलाके में भूकंप मापक यंत्र लगाने की तैयारी में है.
मंगलवार को भूकंप प्रभावित रक्सौल में हालात का जायजा लेने के लिए पहुंचे बिहार राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के प्रोजेक्ट ऑफिसर विशाल वासवानी और आपदा प्रबंधन विभाग के भवन व प्रशिक्षण विभाग के पीओ डॉ आनंद विजेता ने बताया कि सीमाई इलाके में पांच जगहों पर भूकंप मापने वाला यंत्र सिस्मोग्राफ लगाया जायेगा.
इसके लिए राज्य सरकार ने स्वीकृति दे दी है. इस यंत्र लग जाने के बाद भूकंप आने से पूर्व उसकी तीव्रता का पता चल जायेगा, जिसके पहले लोगों को सतर्क भी कर दिया जायेगा. इससे जान-माल का कम नुकसान होगा. अधिकारी द्वय ने बताया कि बिहार आपदा प्रबंधन के आग्रह पर कोलकाता के चार वैज्ञानिकों का दल इन सीमाई क्षेत्रों में पांच जगह सिस्मोग्राफ लगा रहे हैं. इसमें वाल्मिकीनगर, मोतिहारी, सीतामढ़ी, जयनगर व फारबिसगंज शामिल है.
इन जगहों पर सिसमोग्राफ लगाया जाना है. इसमें मोतिहारी, वाल्मिकीनगर व सीतामढ़ी में सिस्मोग्राफ लगा दिया गया है. शेष दो जगहों जयनगर व फारबिसगंज में दो से तीन के अंदर वैज्ञानिकों के दल के द्वारा मशीन को लगा दिया जायेगा. उन्होंने बताया कि इस यंत्र की मदद से भूकंप के पूर्व उसका पूर्वानुमान मिल जायेगा. सीमाई इलाकों में इस यंत्र के लग जाने से नेपाल में आने वाले भूकंप पता लगाया जा सकेगा.
इससे रक्सौल, बैरगनिया, सिकटा, नरकटियागंज, बगहा, हरिनगर, मधुबनी, दरभंगा, अररिया आदि के इलाकों के लोगों को भी लाभ मिलेगा. उन्होंने बताया कि इसके अलावे हमारी टीम भूकंप पीड़ितों और शिविरों में आये लोगों के साथ-साथ विद्यालय के अध्ययनरत बच्चों से मिल कर भूकंप के बारे में उन्हें जानकारी दे रही है, ताकि लोग भूकंप को लेकर मन में किसी प्रकार का अफवाह न पाले. हाल के दिनों में देखा गया कि लोग अफवाह के कारण पूरी-पूरी रात सड़क पर बिताये थे, इसी लिए राज्य सरकार के निर्देश भूकंप प्रभावित इलाकों में लोगों को जागरूक करने का काम किया जा रहा है.
जागरूकता के लिए उनके सचित्र कैलेंडर, बुकलेट आदि दिया जा रहा है, जिसमें भूकंप से बचाव के सचित्र वर्णन है और आपदा प्रबंधन के विशेष संपर्क नंबर भी दिये गये हैं.

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