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चिकित्सकों की हड़ताल से मरीज हलकान, क्लिनिकों का लगाते रहे चक्कर

200 से अधिक मरीज बैरंग लौटे मोतिहारी : कोलकाता के एनआरएस अस्पताल के चिकित्सकों पर हुए जानलेवा हमले में शामिल आरोपियों को अविलंब गिरफ्तार करने व चिकित्सा स्वास्थ्य तथा चिकित्सा सेवा संस्थानों के सुरक्षा के लिए केंद्रीय कानून बने. इसको लेकर आईएमए व ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ गवर्नमेंट डाक्टर्स एसोसिएशन के आह्वान पर बिहार स्वास्थ्य […]

200 से अधिक मरीज बैरंग लौटे

मोतिहारी : कोलकाता के एनआरएस अस्पताल के चिकित्सकों पर हुए जानलेवा हमले में शामिल आरोपियों को अविलंब गिरफ्तार करने व चिकित्सा स्वास्थ्य तथा चिकित्सा सेवा संस्थानों के सुरक्षा के लिए केंद्रीय कानून बने. इसको लेकर आईएमए व ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ गवर्नमेंट डाक्टर्स एसोसिएशन के आह्वान पर बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ से जुड़े सभी चिकित्सकों ने सोमवार को सदर अस्पताल एवं निजी क्लिनिकों ने वाह्य सेवा कार्यों का बहिष्कार किया.
इस कड़ी में मोतिहारी सदर अस्पताल, प्राइवेट क्लिनिक की वाह्य सेवाएं ठप रही. मरीज जहां 40 डिग्री तापमान में भी इलाज कराने आये, लेकिन हड़ताल के कारण सदर अस्पताल पहुंचे, जहां चिकित्सक इमरजेंसी सेवा को छोड़ अन्य सभ सेवाओं का बहिष्कार किया. सदर अस्पताल में लगभग 200 मरीज इधर-उधर भटक रहे थे.
अस्पताल के बरामदे में बैठ कर डाक्टर के देखने का इंतजार कर रहे थे, लेकिन चिकित्सकों ने कहा कि इमरजेंसी छोड़ कोई सेवा उपलब्ध नहीं है. कल आइएं. मरीज मायूस होकर वापस लौट गये. लोगों का कहना था कि हमें पता होता तो नहीं आते. इतनी गर्मी में काफी दूर से आये है और बिना इलाज कराये वापस लौटना पड़ रहा है जो काफी कष्टदायक है. बरकुरवा मुफस्सिल के दशरथ पासवान का कहना था कि पेशाब रुक-रुक हो रहा है. पेट में दर्द है. वहीं लक्ष्मण राय नरकटिया का कहना है कि बंदर काट लिया है, उसे दिखाने आये थे.
वही फेनहारा के जमुनिया निवासी युसूफ, रहाना खातून तथा मंतजीर भी सदर में इलाज कराने आये थे, जिन्हें बिना इलाज लौटना पड़ा. वहीं, अगरवा के इरफान खां अपने भांजे को दिखाने आये थे, उनका भांजा सीढ़ी से गिर गया था, लेकिन चिकित्सकों ने किसी का नोटिस नहीं लिया. इस तरह हड़ताल के कारण सैकड़ों लोगों को बिना इलाज कराये वापस लौटना पड़ा. हालांकि इस दौरान किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है.
हड़ताल का लैब संगठनों ने किया समर्थन : जिले के लगभग 200 से अधिक लैब संगठनों ने इन चिकित्सकों की हड़ताल का समर्थन किया है. वे भी लैब दिन भर बंद रखा, जबकि सदर अस्पताल का लैब खुला रहा.
फिजियोथेरोपिस्ट चिकित्सकों ने किया समर्थन : इंडियन एसोसिएशसन ऑफ फिजियोथेरेपिस्ट ने भी इस हड़ताल का समर्थन किया है. संघ के अध्यक्ष डा उमेश चंद्रा ने कहा कि हमारी मांगें जायज है. हम आईएमए का समर्थन करते हैं.
आयुष चिकित्सकों ने काला बिल्ला लगा किया नैतिक समर्थन : आयुष चिकित्सकों ने भी हड़ताल का समर्थन किया है. उनलोगों ने काला बिल्ला लगाकर कार्य किया. नीमा के बिहार सचिव डॉ मनीष कुमार ने कहा कि चमकी बुखार व लू के कारण हमलोगों ने काला बिल्ला लगाकर हड़ताल का नैतिक समर्थन कर रहे हैं.
इधर, चिकित्सकों ने शाम में कैंडल मार्च निकाला. मार्च आईएमए हॉल से निकल कर गांधी संग्रहालय तक गया. नेतृत्व आईएमए के अध्यक्षव डाॅ सुशील कुमार सिन्हा, सचिव डाॅ विनीता वर्मा, भाषा के सचिव डाॅ एसएन सिंह संयुक्त रूप से कर रहे थे. इस मौके पर डाॅ. डी नाथ, डाॅ. जेएन गुप्ता, डाॅ. सीबी सिंह, डाॅ. अखिलेश सिन्हा, डाॅ. परवेज, डाॅ. अशुतोष शरण, डाॅ. अतुल कुमार, डाॅ. नीरज सिन्हा, डाॅ. यूएनस सिंह, डाॅ. प्रभात प्रकाश, डाॅ. आरकेपी शाही, डाॅ. दिलीप कुमार, डाॅ. पुष्कर कुमार सिंह, डाॅ. कुमार सुरेंद्र, डाॅ. उमेशचंद्रा, भाषा के डाॅ. आरके वर्मा, डाॅ. एचपी ठाकुर, डाॅ. अरशद कमाल, डाॅ. अवधेश कुमार, डाॅ. प्रेम कुमार, डाॅ. अनूप कुमार, डाॅ. सुरेश कुमार सिंह आदि मौजूद थे.
मोतिहारी/घोड़ासहन. बंगाल में डॉक्टर के साथ हुई मारपीट एव जानलेवा हमले को लेकर देश भर के डॉक्टरों ने एकजुट हो कर घटना का विरोध कर रहे है.
इसी कड़ी में नीमा के आयुष चिकित्सकों द्वारा अपने-अपने क्लिनिकों पर हाथों पर काली पट्टी बांधकर सांकेतिक विरोध जताया. सभी चिक्तिसकों ने एक स्वर से घटना की कड़ी निंदा करते हुए सरकार से हमले में शामिल दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की. नीमा के जिलाध्यक्ष डा. एमयू अख्तर, सचिव डाॅ. तनवीर आलम,कोषाध्यक्ष डा. राजनीश कुमार, डाॅ. एसएम मिन्नतुल्लाह, डाॅ. मनीष कुमार, डाॅ. फैसल परवाज खां, डाॅ. दीपक कुमार, डाॅ. सुधीर कुमार गुप्ता, डाॅ. नौशाद आलम, डाॅ. शमीमुल हक, डाॅ राजीव रंजन चौरसिया व डाॅ. अमानतुल्लाह सहित बड़ी संख्या में चिकित्सकों ने कालीपट्टी बांध कर चिकित्सीय सेवा दी. इधर, घोड़ासहन में आयुष चिकित्सक डॉ. अशोक कुमार, डॉ. मुकेश कुमार, डॉ. तबरेज आलम, डॉ. अयाज अहमद, डॉ. सतेंद्र कुमार, डॉ. कलीम, डॉ. नेशात अहमद, डॉ. सैफुल्लाह सहित दर्जनों चिकित्सकों ने कालापट्टी बांध समर्थन किया.
मधुबन. पश्चिम बंगाल में डाक्टरों पर हमले के विरोध में बिहार हेल्थ एसोसिएशन (भासा) के आह्वान पर स्थानीय पीएचसी समेत एपीएचसी में इमरजेंसी को छोड़कर सभी सेवा बाधित रही. हालांकि इमरजेंसी सेवा में पीएचसी प्रभारी डाॅ. शत्रुघ्न प्रसाद शाही कमान संभालकर मरीजों का इलाज किया.
रक्सौल. पश्चिम बंगाल में चिकित्सक के साथ हुए मारपीट को लेकर आइएमए के आह्वान पर सोमवार को देश भर में चिकित्सकों का हुआ हड़ताल व प्रदर्शन का असर स्थानीय पीएचसी में भी देखने को मिला. आइएमए के आह्वान पर पीएचसी का ओपीडी बंद रहा. ओपीडी बंद होने से इलाज के लिए आने वाले मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा. हड़ताल को देख कड़ी धूप में मरीजों को वापस जाना पड़ा. आंदोलन का नेतृत्व प्रभारी डा. शरतचंद्र शर्मा ने किया. डा. शर्मा ने कहा कि जबतक केंद्र सरकार चिकित्सकों को सुरक्षा प्रदान नहीं करती है. तबतक यह आंदोलन जारी रहेगा.
हरसिद्धि. प्रखंड क्षेत्र के अस्पतालों में आउटडोर सेवा बंद रही. वही इमरजेंसी सेवा चालू रही. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हरसिद्धि के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. पीकेपी सिंह ने बताया कि हड़ताल के कारण अस्पताल में ओपीडी में मरीजों को नहीं देखा गया. वही इमरजेंसी मरीजों के लिए इलाज और दवा की व्यवस्था थी. डॉक्टरों की हड़ताल से मरीजों को इधर-उधर भटकना पड़ा. वही अस्पताल में पहुंच कर उन्हें इस कड़ाके की धूप में पुनः वापस लौटना पड़ा.

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