मोतिहारी : जिले में खरीफ खेती की कवायद शुरू हो गयी है. कृषि महकमा खरीफ कार्य योजनाओं के क्रियान्वयन में लग गया है. विभाग से जिला को इस बार खरीफ में 2 हजार 216 एकड़ में श्रीविधि से धान की वैज्ञानिक पद्धति से खेती करने का लक्ष्य प्राप्त हुआ है. इसमें राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत धान की श्रीविधि से एक हजार 508 एकड़ में खेती होगी.
इस योजना के तहत श्रीविधि तकनीक से धान की खेती करनेवाले चयनित किसानों को सब्सिडी का लाभ भी मिलेगा. प्रति किसान एक एकड़ श्रीविधि तकनीक से खेती के लिए तीन हजार 280 रुपये अनुदान राशि मिलेगी. अनुदान की राशि किसानों को आरटीजीएस के माध्यम से बैंक खाता में ट्रांसफर किये जायेगे.
वही राष्ट्रीय खाद्यय सुरक्षा मिशन (एनएफएसएम) योजना के तहत चालू खरीफ सीजन में 708 एकड़ में श्रीविधि तकनीक से धान खेती करने का लक्ष्य मिला है. इसके अलावा जीरोटिलेज से धान डेमोस्ट्रेशन का लक्ष्य तीन सौ 98 एकड़ एवं पैंडी ट्रांसप्लांटर विधि से तीन सौ 94 एकड़ में धान की खेती का लक्ष्य है. कृषि योजनाओं के लाभ के लिए किसानों का विभाग से पंजीकृत होना अनिवार्य है. तभी किसान कृषि योजनाओं का लाभ ले सकेंगे.
जिलास्तरीय खरीफ कार्यशाला आज : सरकारी स्तर पर खरीफ कार्य योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर जिलास्तरीय कर्मशाला का आयोजन किया गया है. जिलास्तरीय कार्यशाला में कृषि विभाग के पंचायत, प्रखंड से लेकर जिला स्तरीय सभी कर्मी शामिल होगे. कर्मशाला में कृषि कर्मियों को योजनावार क्रियान्वयन को लेकर दिशा-निर्देश दिये जायेंगे. डीएओ डॉ. ओंकारनाथ सिंह ने कहा कि जिलास्तरीय कर्मशाला के आयोजन के बाद प्रखंड स्तर पर कृषि कर्मशाला आयोजित होगा. इसको लेकर विभागीय स्तर पर तिथि तय की गयी है.