मधुबन : बुढ़ी गंडक में जलस्तर कम होने के बाद नरहरपकड़ी में स्थित पुल के दक्षिणी पहुंच पथ में कटाव काफी तेज हो गया है, जिससे पथ भी खतरा बढ़ गया है. पहुंच पथ का मिट्टी धंसने से गुरुवार से उक्त पुल से बड़े-छोटे चार पहिया वाहनो के परिचालन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा […]
मधुबन : बुढ़ी गंडक में जलस्तर कम होने के बाद नरहरपकड़ी में स्थित पुल के दक्षिणी पहुंच पथ में कटाव काफी तेज हो गया है, जिससे पथ भी खतरा बढ़ गया है. पहुंच पथ का मिट्टी धंसने से गुरुवार से उक्त पुल से बड़े-छोटे चार पहिया वाहनो के परिचालन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गयी है. एनएच 104 में स्थित बूढ़ी गंडक में यह पुल बनरझूला फोर लेन से मधुबन,
चोरमा, पकड़ीदयाल, ढाका व पताही को मुजफ्फरपुर,चकिया आदि शहरो से जोड़ता है. नदी में जलस्तर कम होने के साथ पहुंच पथ काफी तेजी से धंस रहा है. प्रशासन द्वारा तत्काल बैरियर लगाकर मार्ग अवरूद्ध कर दिया गया है. रास्ते से केवल दो पहिया वाहनो के गुजरने की अनुमति दी गयी. पुल को सुरक्षित रखने के लिये प्रशासन द्वारा जितौरा व चोरमा चौक पर भी बैरिकेटिंग किया गया है. इसके साथ ही बनरझूला में अवरोधक लगाकर दिया गया है. बड़े वाहनो को चकिया बाराघाट पुल के रास्ते मधुबन बाजार होकर गुजरना पड़ रहा है, जिससे लोगो को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है.
एनएच के कार्यपालक अभियंता मो.इरफान अली ने बताया कि क्षतिग्रस्त पहुंच पथ का मरम्मति कार्य युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया गया है. शाम तक क्षतिग्रस्त स्थान पर मरम्मती करके शाम से छोटे वाहनो का परिचालन शुरू करा दिया जायेगा. बड़े व भारी वाहनो के परिचालन तीन से चार दिनो तक रोक लगी रहेगी.
2007 में भी क्षतिग्रस्त हुआ था पहुंच पथ
वर्ष 2007 में बूढ़ी गंडक में आयी प्रलयकारी बाढ़ के समय भी उक्त पुल का पहुंच पथ पूर्ण रूप से क्षति ग्रस्त हो गया था, जिससे लोगो को काफी परेशानी हुई थी.उस समय बाराघाट पुल नहीं रहने के कारण भयंकर समस्या से लोगो को जुझना पड़ा था. मोतिहारी-पकड़ीदयाल पथ एक स्थान पर क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण पकड़ीदयाल,पताही आदि के लोग नरहरपकड़ी पुल के रास्त ही गुजर रहे थे. पहुंच पथ क्षतिग्रस्त हो जाने मधुबन के रास्त करीब 30 किलोमीटर की अधिक दूरी तय करनी पड़ रही है.