29.2 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

श्रद्धालुओं की नजर शेष दानपेटी के नोटों पर

अरेराज : प्रसिद्ध पंचमुखी बाबा सोमेश्वरनाथ महादेव मंदिर में महंत व न्यास समिति के अधिकार की लड़ाई में भक्तों द्वारा दान किया गया लगभग एक लाख का नोट सड़कर खराब हो गया. पड़ोसी देश नेपाल, यूपी सहित राज्य के कोने-कोने से आये श्रद्धालु मनोकामना पूर्ण होने के लिए जलाभिषेक करने व पूजा-अर्चना करने मंदिर आते […]

अरेराज : प्रसिद्ध पंचमुखी बाबा सोमेश्वरनाथ महादेव मंदिर में महंत व न्यास समिति के अधिकार की लड़ाई में भक्तों द्वारा दान किया गया लगभग एक लाख का नोट सड़कर खराब हो गया. पड़ोसी देश नेपाल, यूपी सहित राज्य के कोने-कोने से आये श्रद्धालु मनोकामना पूर्ण होने के लिए जलाभिषेक करने व पूजा-अर्चना करने मंदिर आते हैं. सभी श्रद्धालु मंदिर विकास के लिए मंदिर में रखे गये दान पात्र में चढ़ावा चढ़ाते हैं, लेकिन न्यास समिति व मंदिर महंत द्वारा मंदिर की संपत्ति पर अपना अधिकार जताने के विवाद के कारण लगभग एक लाख की राशि
सड़कर खराब हो गयी. मंदिर न्यास समिति के कर्मियों की माने तो पूर्व में मेला समाप्त होते ही दान बक्सा खोल कर दान राशि की गिनती कर दी जाती थी लेकिन गंगा दशहरा मेला के बाद से दान पात्र की गिनती नहीं होने से दान राशि का नुकसान हुआ है. श्रद्धालुओं की माने तो समय ध्यान दिया गया होता आज इतना रुपया नुकसान नहीं होता.
दानपेटी से ताला खोल नोटों की गिनती के लिए स्थानीय सीओ को दंडाधिकारी बनाया गया है. दो से तीन दानपेटी से एक लाख का चढ़ावा खराब होने के बाद लोगों की नजर शेष बक्से पर है. गिले नोटों को बरामदे पर सुखाया जा रहा है. सिक्का को अलग रखा जा रहा है, जिसकी गिनती बाद में होगी. क्योंकि सिक्का खराब होने का कोई खतरा नहीं है.
महंत रविशंकर गिरि ने बताया कि मंदिर की संरक्षण के लिए हम है. दानपात्र की राशि पेट्रोल पंप कर्मी गिनने का प्रयास कर रहे थे, जिसे रोकने के लिए ताला जड़ा. तालाबंदी के तीन दिनों के अंदर ही मौखिक व लिखित पत्र प्रशासनिक अधिकारियों को देकर दंडाधिकारी व सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में गिनती करने की सूचना दी थी. किस कारण से गिनती इतने दिनों तक नहीं करायी गयी, जिससे लाखों रुपये का नुकसान हुआ है.
न्यास समिति के सचिव मदनमोहन नाथ तिवारी ने बताया कि पूर्व में दान पात्र में रखे नोट की गिनती समय से होती थी, जिससे नोट खराब नहीं होते थे. दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि प्रशासन सक्षम होने के बाद भी नोटों की गिनती समय से नहीं करा सकी, जिसके कारण कुछ नोट खराब हो गए.
न्यास समिति के कार्यकाल को लेकर है विवाद
महंत के अनुसार न्यास समिति का कार्य काल छह माह पूर्व समाप्त हो गया था, जिसे बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड द्वारा न पुराने न्यास समिति का अवधि विस्तार किया गया न ही नई समिति का गठन किया गया, जिसको ले मामला न्यायालय पहुंचा. अनुमंडल व जिला व्यवहार न्यायालय के द्वारा समिति नहीं रहने की स्थिति में मंदिर पर महंत के अधिकार का आदेश दिया गया. आदेश के आलोक में महंत द्वारा संचालन कमेटी का गठन कर रशीद काटने से लेकर दानपात्र पर अपना अधिकार जताया जाने लगा. इसी मामले को लेकर महंत द्वारा दानपात्र में अपना भी ताला जड़ दिया गया, जिसके कारण 15 दिनों पर होनेवाली दानपात्र की गिनती रुक गयी.
कहते हैं सदस्य
न्यास समिति के सदस्य डॉ जीएस त्रिपाठी ने बताया कि यदि महंत द्वारा दानपात्र में ताला नहीं बंद किया जाता तो दान की इतनी राशि नहीं खराब होती. इसके लिए न्यास बोर्ड भी जिम्मेवार है कि समय से न्यास समिति का गठन नहीं किया गया होता तो आज मंदिर राजनीति का अखाड़ा नहीं होता.
कहते हैं छात्र संघ नेता
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद प्रमुख सह सीनेटर नीरज कुमार ने बताया कि श्रद्धालुओ की मंदिर विकास के लिए चढ़ाई गई राशि सड़कर खराब होना बड़ी बात है .प्रशासन जांच कर दोषी से राशि रिकभरी कराकर मंदिर खाते में जमा कराएं.
मंदिर में है ं11 दानपेटी : न्यास समिति के गठन के बाद मंदिर में पूजा-अर्चना करनेवाले श्रद्धालुओं के दान राशि देने में कोई परेशानी नहीं हो, इसको लेकर गर्भ गृह से लेकर मंदिर परिसर में 11 दानपेटी रखा गया है. पूजा-अर्चना के बाद श्रद्धालु मंदिर विकास के लिए यथा शक्ति दान राशि डालते हैं, जिसे न्यास कोषाध्यक्ष के नेतृत्व में दान बॉक्स को खोल कर गिनती की जाती है. गिनती के बाद उक्त दान राशि को मंदिर के खाते में जमा किया जाता है, जिसे मंदिर विकास में खर्च किया जाता है.
छह बार लगता है मेला : प्रत्येक दिन हजारों श्रद्धालु जलाभिषेक करते हैं, लेकिन अनंत चतुर्दशी, वसंत पंचमी, महाशिवरात्रि, फगुनी त्रयोदशी, गंगा दशहरा व श्रवण मास के प्रत्येक सोमवारी को डेढ़ से दो लाख श्रद्धालु जलाभिषेक के लिए मंदिर आते है.
श्रद्धालु पूजा अर्चना के उपरांत यथाशक्ति दान करते है तथा मनोकामना पूर्ण होने पर चढ़ावा भी चढ़ाते हैं.
एक लाख नोट बेकार
मंदिर न्यास कर्मी सुभाष गिरि ने बताया कि दंडाधिकारी की उपस्थिति में मंदिर के 11 दानपात्र का ताला खोल कर गिनती किया गया, जिसमें सिक्का को छोड़ कर तीन लाख 94 हजार 150 रुपया अच्छे नोट तो लगभग एक लाख का सड़ा नोट निकला है. अगर समय पर गिनती की गयी होती तो इतना बड़ा नुकसान नहीं होता. पूर्व में मई माह में दान पात्र खोल कर गिनती की गयी थी, लेकिन जून माह में महंत द्वारा न्यास के अलावा अपना ताला बंद कर देने के कारण दान की राशि सड़ कर खराब हुई है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें