मोतिहारी : रेलवे रैक प्वाइंट से प्याज लूट की घटना में पासा उलटा पड़ गया है. सिर मुड़ाये ओले पड़े वाली कहावत व्यवसायी की चालाकी को चरितार्थ कर रही है. जिसे व्यवसायी ने प्रायोजित तरीके से अंजाम दिया था. लेकिन मामले की जांच में रची गयी साजिश का परत दर परत खुलने लगी है. पूछताछ में जो तथ्य सामने आये हैं इससे यह स्पष्ट हो गया है
कि यह पूरा खेल रेलवे वारफेज-डैमरेज पेनाल्टी बचाने के लिए रची गयी. सोमवार को आरपीएफ टीम ने मामले में रैक प्वाइंट से जुड़े मजदूर मेट,चालक एवं ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अधिकारी से पूछताछ की और उनके बयान को कलमबद्ध किया. पूछताछ में खुलासा हुआ है कि पूरा खेल प्रायोजित तरीके से रची गयी थी. व्यवसायी ने रेलवे रैक से सड़ी-गली प्याज उठाने के लिए पहले लोगों को बुलाया,फिर अंधेरा होने पर प्याज लूट बता घटना का शक्ल दिया गया. बताते चले कि सोमवार को मामले में आरपीएफ इंस्पेक्टर प्रदीप वर्णवाल ने घटना स्थल रैक प्वाइंट का भौतिक सत्यापन किया.
इस दौरान आरपीएफ टीम ने मामले में रैक प्वाइंट पर काम करने वाले मजदूर एवं मेट सहित रेलवे रैक प्वाइंट ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष सह स्थानीय बंजरिया प्रखंड के मुखिया छबिला सिंह सहित करीब दस लोगों से पूछताछ की. पूछताछ में उक्त सभी ने व्यवसायी द्वारा सड़ी-गली प्याज को छोड़ रैक प्वाइंट से अधिकांश प्याज की ढुलाई कर ली गयी थी. शेष सड़ी हुई प्याज को रैक प्वाइंट से ट्रैक्टर पर लोड कर शहर के आसपास फेका जा रहा था. प्याज फेकने के लिए रैक प्वाइंट से ही ट्रैक्टर भाड़ा पर ली गयी थी. रैक प्वाइंट पर पड़ी प्याज को लेकर व्यवसायी को रेलवे डीसी की पेनाल्टी लग रही थी तो दूसरी तरफ सड़े प्याज की ढुलाई के लिए भी किराया वहन करना था. इस दोहरी नुकसान से बचने के लिए व्यवसायी के इशारे पर ही उसके मुंशी एवं कर्मियों द्वारा स्थानीय लोगों को सूचना देते हुए प्याज उठा ले जाने की छुट दी गयी. इस बीच रैक से सड़ा हुआ प्याज साफ होने के बाद संध्या में व्यवसायी ने आरपीएफ को प्याज लूट की घटना दी. फिर आगे की कार्रवाई में व्यवसायी रौशन कुमार ने मामले में प्याज को निजी संपत्ति बताते हुए रैक प्वाइंट से हजारों की संख्या में प्याज लूट ले जाने के मामले में प्राथमिकी दर्ज करायी.