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पुलिस की कड़ी मशक्कत के बाद हटा जाम हादसे-पे-हादसा, फिर भी प्रशासन मौन ब्रह्मपुर के शिवसागर तालाब में तीन सालों में नौ लोगों की हुई मौत सावन और शिवरात्रि में लाखों की संख्या में जुटते हैं श्रद्धालु बगेनगोला : सोमवार को शिव सागर तालाब में नहाने के दौरान भोजपुर के दो बच्चियों की हुई मौत […]

पुलिस की कड़ी मशक्कत के बाद हटा जाम

हादसे-पे-हादसा, फिर भी प्रशासन मौन
ब्रह्मपुर के शिवसागर तालाब में तीन सालों में नौ लोगों की हुई मौत
सावन और शिवरात्रि में लाखों की संख्या में जुटते हैं श्रद्धालु
बगेनगोला : सोमवार को शिव सागर तालाब में नहाने के दौरान भोजपुर के दो बच्चियों की हुई मौत ने सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलकर सामने रख दी. तीन सालों में प्रशासन की लापरवाही के कारण अब तक नौ लोगों की मौत हो चुकी है. मरनेवालों में सबसे ज्यादा बच्चे हैं. ब्रह्मेश्वरनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना करने को लेकर पूरे वर्ष श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है. मंदिर से सटे शिव सागर तालाब में स्नान करने के बाद श्रद्धालु पूजा-अर्चना करते हैं. सावन माह और शिवरात्रि में भक्तों की भीड़ काफी बढ़ जाती है.
स्थानीय प्रशासन द्वारा सुरक्षा का पुख्ता व्यवस्था नहीं करने के कारण इस तरह के हादसे होते रहते हैं. मृतक के परिजनों के चीत्कार से सोमवार को पूरा माहौल गमगीन हो गया है. परिजनों को जब घटना की सूचना मिली, तो पूरे घर में कोहराम मच गया. शादी का उत्सव गम में बदल गया.
मांगलिक गीतों की जगह चीख पुकार से माहौल हुआ गमगीन
उदवंतनगर थाना क्षेत्र के करवा बकरी गांव निवासी पंजाबी मुसहर और विशेश्वर मुसहर को क्या पता था कि जिस शादी समारोह में भाग लेने के लिए वह अपनी बेटियों के साथ जा रहे हैं, वहां उनकी मौत इंतजार कर रही है.कल तक जिस घर में शादी की मांगलिक गीतें गायी जा रही थीं. आज वहीं मृतक के परिजनों के चीत्कार से पूरा माहौल गमगीन हो गया है.
समय से मिलती मदद, तो बच जाती दोनों की जान : जिस वक्त दोनों बच्चियां स्नान रही थीं. उस वक्त कुछ लोग वहीं पर स्नान कर रहे थे, लेकिन किसी ने भी बच्चियों को बचाने का प्रयास नहीं किया. समय से लोग मदद के लिए पहुंचते, तो दोनों बच्चियों की जान बचायी जा सकती थी. काफी देर के बाद स्थानीय गोताखोरों द्वारा दोनों शवों को निकाला गया. चीत्कार से बाबा की नगरी गमगीन हो गयी है. इस घटना के बाद आसपास के लोगों में दहशत का माहौल है.
कब तक सुनी होती रहेंगी मां की गोदें : इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में पुलिस प्रशासन के खिलाफ आक्रोश व्याप्त है. ग्रामीणों का कहना है कि हादसे के बाद भी प्रशासन सबक नहीं ले रहा है. तालाब के आसपास सुरक्षा की कोई पुख्ता इंतजाम नहीं है,
जिस कारण आये दिन हादसे होते हैं. ग्रामीणों ने बताया कि 2015 में तालाब की बैरिकेडिंग नहीं होने की वजह से बोलेरो में सवार पांच बच्चे शिव सागर तालाब में वाहन सहित डूब गये थे, जिसके बाद लोगों की मदद से बच्चों के शवों को निकाला गया था. उस समय प्रशासन ने चारों तरफ बैरिकेडिंग कराने की बात कही थी.इसके बावजूद सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम नहीं किया गया था, जिसके कारण सोमवार को फिर दो माताओं की गोद सुनी हो गयी.
चौकसी का निर्देश दिया गया है
हादसे के बाद स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिया गया है कि किसी प्रकार की सुरक्षा में चूक नहीं होनी चाहिए. इसके साथ मंदिर प्रबंधन को भी 24 घंटे एलर्ट रहने का निर्देश दिया गया है. गोताखोरों की तैनाती सावन और शिवरात्रि में की जाती है. इसे लेकर एक बैठक भी होगी.
श्रीभगवान सिंह, अंचलाधिकारी

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