संदेह. नोटबंदी के बाद कई बैंक खातों में जमा कराये गये थे लाखों रुपये
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300 खातों पर आयकर की नजर
संदेह. नोटबंदी के बाद कई बैंक खातों में जमा कराये गये थे लाखों रुपये विभाग ने नोटिस के बाद व्यवसायियों के यहां शुरू किया सर्वे बक्सर : नोटबंदी के दौरान बैंक खातों में करोड़ों रुपये जमा कराने का सच जानने की दिशा में आयकर विभाग ने सर्वे शुरू कर दिया है. आयकर विभाग द्वारा भेजे […]
विभाग ने नोटिस के बाद व्यवसायियों के यहां शुरू किया सर्वे
बक्सर : नोटबंदी के दौरान बैंक खातों में करोड़ों रुपये जमा कराने का सच जानने की दिशा में आयकर विभाग ने सर्वे शुरू कर दिया है. आयकर विभाग द्वारा भेजे गये नोटिस का संतोषजनक जवाब नहीं मिलने के कारण यह सर्वे किया जा रहा है. इसको लेकर आयकर विभाग की इन्वेस्टिगेशन विंग ने कई व्यावसायिक फर्म को नोटिस भेजकर जमा की गयी राशि का ब्योरा तलब किया था. विभाग ने ऑटोमोबाइल, डेयरी प्रोडक्ट, ज्वेलरी शोरूम, होटल संचालक, स्कूल संचालक, किराना कारोबारी व मेडिकल के दो फार्मा एजेंसियों के यहां सर्वे शुरू किया है. इनमें से लाखों रुपये की राशि बैंक में जमा कराने के अलावा भी कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं.
सूत्रों के अनुसार ऐसे करीब 300 फर्म ने तो नोटबंदी के बाद भी बड़ी संख्या में पुरानी करेंसी लेकर माल बेचा और बैंक में नकदी जमा करायी है. बैंक खातों की जांच के बाद आयकर विभाग ने करीब 300 लोगों को जांच के दायरे में लिया है. जिनमें बक्सर व डुमरांव के भी व्यवसायी शामिल हैं.
नोटबंदी के बाद दूसरा सर्वे : नोटबंदी के बाद जिले में आयकर विभाग का यह दूसरा सर्वे है. विभाग ने इसके पूर्व जिले के करीब 600 खाताधारकों को नोटिस भेजा था. कई लोगों द्वारा दिये गये नोटिस के जबाव से विभाग संतुष्ट नहीं है. आयकर विभाग के रडार पर ऐसे कई व्यापारी हैं, जिन्होंने नोटबंदी के बाद संदिग्ध लेनदेन किये हैं, जिसमें कहा था कि 31 मार्च तक प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में राशि जमा करा कर कार्रवाई से बच सकते थे.
जोर पकड़ेगी आयकर की कार्रवाई : नोटबंदी के दौरान खातों में बड़ी रकम जमा कराने को लेकर आयकर विभाग की कार्रवाई अब लगातार जोर पकड़ती जायेगी. इसके तहत कुछ जगह सर्वे तो जरूरत पड़ने पर रेड भी की जायेगी. इस तरह का एक्शन नोटिस का जवाब न देनेवाले लोगों पर किया जा रहा है. विंग के अलावा आयकर विभाग के अधिकारी भी जांच पड़ताल में जुट गये हैं. इन सभी को कम-से-कम दो-दो केस करने का टारगेट भी दिया गया है.
लाखों रुपये की अनियमितता आयी सामने : सूत्रों के अनुसार डुमरांव शहर के किराना के थोक व्यवसायी के यहां आयकर सर्वे में लाखों रुपये की अनियमित आय सामने आ रही है. इनकम टैक्स के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जिले के एक सिगरेट व सीमेंट व्यवसायी के यहां नोटबंदी लागू होने के बाद दो टुकड़ों में बड़ी रकम जमा हुई है. इसकी जांच की गयी है. इनके रोकड़ की बहियों का मिलान किया गया, तो लाखों रुपये की अनियमितता सामने आयी है.
10 बड़े ठिकानों पर चला सर्वे : आयकर विभाग की टीम ने जिले के 10 कारोबारियों के यहां औचक सर्वे शुरू किया. दो चावल व्यापारियों के अलावा दो मोबाइल डीलर, एक होटल, दो स्कूल के संचालक और तीन किराना कारोबारी पर नजर बनायी है. चावल व्यापारियों के खातों को भी खंगाला जा रहा है. कई ज्वेलरी कारोबारियों ने भी अपने स्टाफ के खातों में रुपये जमा कराये हैं. विभाग ने वैसे खाते की जानकारी जुटाने के बाद सर्वे किया. अब आयकर विभाग 50 प्रतिशत टैक्स वसूलेगा. इसके अलावा 25 प्रतिशत राशि चार साल तक बैंक में ब्लॉक रहेंगी.
टैक्स जमा नहीं होने पर विभाग हुआ है सख्त
नोटबंदी के बाद बैंकों के खूब धन जमा हुआ. 31 मार्च तक 10 लाख रुपये तक के आयकर देनेवाले व्यवसायियों को एडवांस टैक्स जमा करना था. अपेक्षित टैक्स जमा नहीं होने पर विभाग ने सख्त कार्रवाई करने का मन बनाया है. विभाग लंबे समय से इस तरह की कार्रवाई करने की तैयारी में था. यह संदेश भी देना है कि आय के मुताबिक अगर टैक्स नहीं दिया, तो कार्रवाई होगी.
सुजीत दास गुप्ता आयकर अधिकारी
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