अनदेखी. बक्सर स्टेशन को प्रति माह तीन करोड़ रुपये आता है राजस्व
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स्टेशन ‘ए’ ग्रेड का, सुविधाएं थर्ड क्लास की
अनदेखी. बक्सर स्टेशन को प्रति माह तीन करोड़ रुपये आता है राजस्व अधिकारियों के आगमन पर होती है सफाई बदहाल पड़ा स्टेशन परिसर का नि:शुल्क शौचालय. नियमित सफाई नहीं होने से चारों ओर फैली रहती है गंदगी बक्सर : बक्सर रेलवे स्टेशन को दर्जा ‘ए’ ग्रेड मिला है, पर सुविधाएं यहां थर्ड क्लास की भी […]
अधिकारियों के आगमन पर होती है सफाई
बदहाल पड़ा स्टेशन परिसर का नि:शुल्क शौचालय.
नियमित सफाई नहीं होने से चारों ओर फैली रहती है गंदगी
बक्सर : बक्सर रेलवे स्टेशन को दर्जा ‘ए’ ग्रेड मिला है, पर सुविधाएं यहां थर्ड क्लास की भी नहीं हैं. राजस्व में अव्वल रहने के बावजूद इस स्टेशन पर यात्रियों को उचित सुविधा नहीं मिल रही है. सफाई से लेकर बिजली व पानी तक की व्यवस्था ठीक तरीके से नहीं है. सफाई के अभाव में स्टेशन परिसर में चारों ओर गंदगी फैली रहती है. हालात ऐसे हैं कि स्टेशन परिसर पहुंचते ही गंदगी से सामना होने लगता है. सीढ़ी से लेकर प्लेटफाॅर्म तक जगह-जगह कागज के ठोंगे व प्लास्टिक के बैग बिखरे रहते हैं. स्टेशन परिसर में बनाये गये यूरिनल से चारों ओर बदूब आती है. ऐसे में यात्रियों को गंदगी व दुर्गंध के बीच ही प्लेटफार्म पर ट्रेनों का इंजतार करने के लिए ठहरना पड़ता है.
हालांकि ऐसी बात नहीं है कि रेल प्रशासन द्वारा सफाई की व्यवस्था नहीं की गयी है, पर सफाई के लिए अधिकृत एजेंसी द्वारा उचित सफाई नहीं की जाती है.
रेलवे के आला अफसरों के निरीक्षण के दौरान हमेशा सफाई को लेकर स्थानीय अफसरों को फटकार सुननी पड़ती है. वहीं, दूसरी ओर वेटिंग रूम की क्षमता उचित सुविधा नहीं होने के कारण यात्रियों को प्लेटाफाॅर्म पर ही रात गुजारनी पड़ती है.
वाहनों का स्टैंड बनकर रह गया स्टेशन परिसर : रेल अफसरों की उदासीनता की वजह से रेलवे स्टेशन परिसर वाहन स्टैंड बनकर रह गया है. परिसर में हमेशा दर्जनों छोटी-बड़ी गाड़ियां लगी रहती हैं. प्रचार गाड़ी से लेकर ठेला व ऑटो भी लगे रहते हैं. ऐसे में यात्रियों को प्लेटफाॅर्म से आने-जाने में काफी परेशानी झेलनी पड़ती है. यात्रियों की मानें, तो गाड़ियों की भीड़ व आड़े-तिरछे वाहन लगा देने से कभी-कभी गाड़ी भी छूट जाती है. इसका विरोध करने पर चालकों से नोकझोंक भी होती है. बता दें कि वरीय अफसरों के हर निरीक्षण में यह मामला उठाया जाता है और उस पर निर्देश भी दिए जाते हैं. उसके बाद कुछ देर के लिए वाहनों को हटा दिया जाता है, परंतु अफसरों के जाने के साथ ही वाहनों का ठहराव शुरू हो जाता है. गौरतलब हो कि कुछ दिन पहले बक्सर पहुंचे डीआरएम द्वारा आरपीएफ को अवैध रूप से लगनेवाले वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया गया था. इसके बावजूद वाहनों के ठहराव पर रोक नहीं लगायी जा रही है.
रोजाना करीब 12 हजार यात्री करते हैं सफर : बक्सर रेलवे स्टेशन राजस्व के मामले में दानापुर रेलमंडल में तीसरे स्थान पर है. इस स्टेशन से प्रतिमाह करीब तीन करोड़ की आमदनी होती है. जानकारी के अनुसार इस स्टेशन से रोजाना करीब 12 हजार लोग अलग-अलग जगहों के लिए ट्रेनों से सफर करते हैं. बक्सर स्टेशन से छोटी-बड़ी 50 गाड़ियों का आना जाना है. इधर बक्सर स्टेशन से भारत के 504 स्टेशनों के लिए लोग यात्रा करते हैं. उत्तरप्रदेश से सटा होने के कारण बलिया, गाजीपुर से भी यात्री ट्रेन पकड़ने के लिए बक्सर स्टेशन आते हैं.
सुविधा देने का प्रयास किया जाता है
यात्रियों को उचित सुविधा देने का प्रयास जारी है. रेल मंत्रालय द्वारा कई तरह की योजनाएं चलायी जा रही हैं. जहां तक सफाई व्यवस्था की बात है, तो इसकी जिम्मेदारी आउटसोर्सिंग को दी गयी है. आउटसोर्सिंग से जुड़े लोगों को समय-समय पर निर्देश भी दिया जाता है. इसके बावजूद अगर सफाई में कोताही बरतने की शिकायत मिलती है, कार्रवाई की अनुशंसा की जायेगी. स्टेशन परिसर में अवैध तरीके से वाहन लगानेवालों के खिलाफ हमेशा कार्रवाई की जाती है.
एमके पांडेय, बक्सर स्टेशन प्रबंधक
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