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गैर हिंदी राज्यों में भी मनाना चाहिए हिंदी दिवस

डीएम ने दिया निर्देश स्कूलों में शिक्षक व बच्चे हिंदी में बातचीत करें कर्मियों की हिंदी शुद्धता की डीएम ने ली परीक्षा बक्सर : राज्य सरकार के निर्देश पर जिला मुख्यालय समेत अनुमंडल और प्रखंड कार्यालयों में परिचर्चा और गोष्ठी का आयोजन किया. बुधवार को समारहणालय सभागार में परिचर्चा का आयोजन हुआ. अध्यक्षता जिलाधिकारी रमण […]

डीएम ने दिया निर्देश स्कूलों में शिक्षक व बच्चे हिंदी में बातचीत करें

कर्मियों की हिंदी शुद्धता की डीएम ने ली परीक्षा
बक्सर : राज्य सरकार के निर्देश पर जिला मुख्यालय समेत अनुमंडल और प्रखंड कार्यालयों में परिचर्चा और गोष्ठी का आयोजन किया. बुधवार को समारहणालय सभागार में परिचर्चा का आयोजन हुआ. अध्यक्षता जिलाधिकारी रमण कुमार ने की. मौके पर जिलाधिकारी ने कहा कि जिले में सभी सरकार काम सत-प्रतिशत हिंदी में किया जाता है और होता रहेगा. हिंदी दिवस गैर हिंदी राज्यों में भी मनाना चाहिए, ताकि हिंदी का प्रचार-प्रसार हो सके और लोगों में जागरूकता फैल सके. प्रखंडों में निरीक्षण के दौरान कई बार यह देखा जाता है कि स्कूलों में बच्चे भोजपुरी में बातचीत करते हैं. ऐसा नहीं होना चाहिए.
शिक्षक स्कूलों में बच्चों को हिंदी बोलने के लिए जागरूक करें. शिक्षक व बच्चे स्कूलों में हिंदी में बातचीत करें. वहीं, सभी कार्यालयों के कर्मियों को अपने प्रारूप व टिप्पणी की शुद्धता पर विशेष ध्यान रखें. मौके पर सभी कर्मियों से 20-20 शब्दों को लिखवाकर शुद्धता की जांच की. उक्त परीक्षा के टॉप तीन विजेताओं को दो अक्तूबर को पुरस्कृत किया जायेगा. मौके पर डीडीसी मो. मोबिन अली अंसारी, वरीय उपसमाहर्त्ता कुमारी अनुपमा सिंह समेत कई वरीय अधिकारी शामिल थे.
मौके पर अधिवक्ता रामेश्वर प्रसाद वर्मा ने कहा कि हिंदी हमारी राष्ट्र भाषा है. संविधान के अनुच्छेद 351 के तहत हिंदी के प्रसार व समृद्धि के लिए प्रयासरत रहने की बात कही गयी है. पूर्व की अपेक्षा वर्तमान में हिंदी का काफी प्रसार हुआ है. हमारे देश में तीन करोड़ नागरिक दूसरे देशों में रहकर हिंदी बोलते हैं. वर्तमान परिवेश में पूरी दुनिया के लोग हिंदी सीखने एवं बोलने के प्रति जागृत हैं. हिंदी अब अंतरराष्ट्रीय स्वरूप प्राप्त कर चुकी है. बीबीसी लंदन एवं रेडियो मास्कों से हिंदी में समाचार का प्रसारण बहुत पहले से हो रहा है.
चीन के लोग भी आज हिंदी में बात करते हैं. वहीं, हिंदी दिवस पर भोजपुरी साहित्य मंडल की ओर से एक समारोह का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता अनिल कुमार त्रिवेदी ने की. समारोह में उपस्थित बुद्धिजीवी एवं हिंदी प्रेमियों ने राजकाज में हिंदी की उपेक्षा पर चिंता व्यक्त करते हुए आक्रोश प्रकट किया. अपने अध्यक्षीय भाषण के दौरान त्रिवेदी ने कहा कि हिंदी के बिना देश का भला नहीं हो सकता है. गंगा-जमुनी तहजीब से यह देश चलता है. इस मौके पर अरुण मोहन भारवि ने हिंदी के बदौलत हिंदुस्तान की पहचान बतायी. मौके पर प्रो. बलराज ठाकुर, रामजी पांडेय, संजय सागर, मुन्ना, उमेश पाठक, रवि, शिव बहादुर प्रीतम सहित कई लोग थे.

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