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बाढ़ राहत कैंप में बेटी पैदा हुई, तो मिलेंगे 15 हजार

अनुदान के लिए सीओ को देनी होगी बच्चा जनने की सूचना बक्सर : बाढ़ग्रस्त इलाकों में रहनेवाली गर्भवती महिलाओं के लिए जिला प्रशासन ने तोहफा देने का निर्णय लिया है. राहत कैंप या सरकारी अस्पताल में बच्चा जननेवाली प्रसुताओं को जिला प्रशासन द्वारा अनुदान दिया जायेगा. बेटी पैदा होने पर पंद्रह व बेटा जन्म लेने […]

अनुदान के लिए सीओ को देनी होगी बच्चा जनने की सूचना

बक्सर : बाढ़ग्रस्त इलाकों में रहनेवाली गर्भवती महिलाओं के लिए जिला प्रशासन ने तोहफा देने का निर्णय लिया है. राहत कैंप या सरकारी अस्पताल में बच्चा जननेवाली प्रसुताओं को जिला प्रशासन द्वारा अनुदान दिया जायेगा. बेटी पैदा होने पर पंद्रह व बेटा जन्म लेने पर दस हजार की राशि दी जायेगी. इसका निर्णय शनिवार को डीएम रमण कुमार की अध्यक्षता में आयोजित आपदा प्रबंधन की बैठक में लिया गया. डीएम रमण कुमार ने बताया कि बाढ़ के दौरान बच्चा जन्म लेने पर अनुदान देने का फैसला लिया गया है. उन्होंने बताया कि सीओ की रिपोर्ट पर राशि दी जायेगी.
अनुदान की राशि पीएचसी या राहत कैंप में पैदा होनेवाले बच्चे की मां को ही दी जायेगी. उन्होंने बताया कि पीएचसी या कैंप में प्रसव कराने से बच्चा व जच्चा दोनों सुरक्षित रहेंगे. इसके लिए डीएम ने बाढ़ग्रस्त इलाकों की गर्भवती महिलाओं को पीएचसी या राहत कैंप में ही प्रसव कराने की सलाह दी है. कहा है कि बच्चा पैदा होने के तुरंत बाद संबंधित सीओ को इसकी जानकारी देनी है.
बाढ़ग्रस्त इलाकों में मछली खाने पर प्रतिबंध :
जिला प्रशासन द्वारा बाढ़ग्रस्त इलाकों में मछली खाने पर रोक लगा दी गयी है. कहा गया है कि मछली खाने से लोगों के बीमार पड़ने की संभावना अधिक होती है. इसका निर्णय आपदा प्रबंधन की बैठक में लिया गया है. बता दें कि बाढ़ के समय जलाशयों में अधिक मात्रा में मछली आ जाती हैं. ऐसे में लोग आसानी से मछली पकड़ कर खाना शुरू कर देते हैं. गौरतलब हो कि बाढ़ बाद महामारी की संभावना बढ़ जाती है. इसे देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा यह निर्णय लिया गया है और लोगों से मछली नहीं खाने की अपील की जाये़

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