बिहारशरीफ : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा िक मोरारी बापू की रामकथा विश्व में प्रसिद्ध है. मगध साम्राज्य की भूमि पर इसका आयोजन सौभाग्य की बात है. मैं पूजा करने वाला व्यक्ति नहीं हूं, मैं तो केवल कर्म पर विश्वास रखनेवाला व्यक्ति हूं. सीएम शनिवार को राजगीर के वीरायतन में मोरारी बापू की नौ दिवसीय रामकथा के उद्घाटन समारोह को संबोिधत कर रहे थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां की पंच पहाड़ियों
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मैं पूजा नहीं, कर्म करनेवाला व्यक्ति : सीएम
बिहारशरीफ : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा िक मोरारी बापू की रामकथा विश्व में प्रसिद्ध है. मगध साम्राज्य की भूमि पर इसका आयोजन सौभाग्य की बात है. मैं पूजा करने वाला व्यक्ति नहीं हूं, मैं तो केवल कर्म पर विश्वास रखनेवाला व्यक्ति हूं. सीएम शनिवार को राजगीर के वीरायतन में मोरारी बापू की नौ दिवसीय […]
मैं पूजा नहीं, कर्म…
जगह-जगह जैन मंदिर हैं. जब हमने इन पहाड़ों के बारे में जानकारी प्राप्त की तो हमें मालूम पड़ा कि ये हमारों वर्ष पुराने हैं. भगवान बुध व भगवान महावीर की यह पवित्र भूमि है. राजगीर की इस पवित्र भूमि पर वीरायतन की स्थापना हुई है. राजगीर का कण-कण व कोना-कोना आज भी जिंदा है. मुख्यमंत्री ने राम कथा को सुनने के लिए देश भर से आये श्रद्धालुओं का स्वागत करते हुए कहा कि आप सभी रामकथा सुन कर लाभ उठाएं. इस राम कथा के प्रभाव से देश व समाज में शांति और अमन-चैन कायम होगा. भगवान महावीर व भगवान बुद्ध ने भी यहीं संदेश देश व दुनिया को दिया था.
आचार्य श्री चंदना जी महाराज ने कहा कि वीरायतन की इस भूमि पर सभी श्रद्धालुओं का स्वागत है. उन्होंने राम कथा वाचक मोरारी बापू सहित मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए अाभार व्यक्त किया. चंदना जी महाराज ने कहा कि बिहार पर प्रकृति व परमात्मा की असीम कृपा है. धरती में अपार खजाना है. आसमान भी संपदाओं से भरा पड़ा है. उन्होंने कहा कि भगवान राम व भगवान महावीर में कोई अंतर नहीं है.
राम ने भी कई वर्ष जंगलों में बिताये. उन्होंने कहा कि मुझे बड़ी प्रसन्नता है कि भगवान महावीर व भगवान बुद्ध की इस पवित्र भूमि पर इस तरह का आयोजन हो रहा है. मेरी जन्मभूमि तो महाराष्ट्र है. मगर मेरी कर्मभूमि यहां रही है. मेरे मन में यही इच्छा पैदा होती है कि मेरा जन्म भी इसी भूमि पर होता. मोरारी बापू ने कहा कि राजपीठ ने व्यास पीठ को आदर दिया ये मुख्यमंत्री का बड़प्पन है. मानव व समाज कल्याण के लिए आचार्य श्री चंदना जी महाराज व उनके मार्ग दर्शन में कार्य रही सांध्वी, संतों व श्रद्धालुओं को साधुवाद दिया.
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