ब्रह्मपुर : प्रखंड के प्रसिद्ध बाबा बरमेश्वर नाथ मंदिर के शिवसाागर तालाब में प्राचीन काल से ही छठपूजा एवं भगवान भास्कर को अर्घ देने की परम्परा रही है. इसलिए आसपास के कई गांवों के लोग इस आस्था के महापर्व में शिवसागर तालाब में छठपूजा करने आते हैं.
ब्रह्मपुर, चौरास्ता, रक्षा नगर, ललनजी के डेरा, निमेज, सपही, पाडेपुर, दल्लुपुर, रामगढ, गरहथा, पुरवां आदि कई गांवों से हजारों की संख्या में लोग इस तालाब के पर छठ व्रत करने पहुंचते हैं. मंदिर पूजा समिति के अध्यक्ष रमेश पांडेय ने बताया कि इस बार सावन में हुए हादसा से सीख लेते हुए मंदिर पूजा समिति एवं प्रशासन दोनाें ही सजग है़
100 मी़ लंबे और 75 मी़ चौड़े शिवसागर तालाब में चारो तरफ से पक्की सीढ़ियां बनी हैं. जिसके चारों तरफ बैठकर श्रद्धालु पूजा-अर्चना करते हैं.
दस से पंद्रह हजार लोगों की होती है भीड़ : मंदिर पूजा समिति के कार्यकर्ता जगह-जगह श्रद्धालुओं की मदद के लिए रहते हैं तैयार. मंदिर प्रशासन ने मंदिर और तालाब को भव्य तरीके से सजाया है. और पानी में बैरिकेडिंग की व्यवस्था के साथ-साथ रोशनी के लिए जेनेरेटर रखा है.
प्रशासन सतर्क : सावन की पहली ही सोमवारी को शिवसागर तालाब में हुए हादसे से सीख लेते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम इस बार किये हैं. प्रखंड विकास पदाधिकारी भगवान झा ने बताया कि मंदिर आनेवाले मार्गों पर मंगलवार की सुबह बैरिकेडिंग कर के चार चक्का वाहनों को मंदिर से बहुत पहले ही रोक दिया जायेगा़ साथ ही मंदिर के चारों तरफ बैरिकेडिंग की जायेगी़
वीडियोग्राफी से होगी मॉनेटरिंग : तालाब के तीन दिशा में टाॅवर बना कर वीडियोग्राफी कराई जायेगी़ किसी भी अनहोनी के मदेनजर 10 गोताखोरों एवं दो नावों को तालाब में रखा गया है. थाना प्रभारी महेंद्र प्रसाद सिंह के नेतृत्व में महिला पुलिस एवं अतिरिक्त पुलिस के जवान मंदिर आनेवाले मार्ग एवं तालाब के चारो तरफ मौजूद रहेंगे. कुल मिला कर प्रशासन इस बार सचेत है और किसी भी प्रकार की अनहोनी से निपटने के लिए तैयार है.