10.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अब बच्चे भी जिद नहीं कर रहे मैगी खाने के लिए

डुमरांव : फास्ट फूड व्यंजन मैगी में घातक रसायन पाये जाने की खबर सुर्खियों में आने के बाद ऐसे जहरीले चटकारों के प्रति अभिभावक व बच्चे सहम गये हैं. अब घरों में परिजन अपने मासूमों को मैगी खिलाने से परहेज करने लगे हैं. वहीं, बच्चे भी मैगी को खाने से अब इनकार कर रहे हैं. […]

डुमरांव : फास्ट फूड व्यंजन मैगी में घातक रसायन पाये जाने की खबर सुर्खियों में आने के बाद ऐसे जहरीले चटकारों के प्रति अभिभावक व बच्चे सहम गये हैं. अब घरों में परिजन अपने मासूमों को मैगी खिलाने से परहेज करने लगे हैं. वहीं, बच्चे भी मैगी को खाने से अब इनकार कर रहे हैं. ऐसी स्थिति में लोगों के किचन में मैगी के स्वाद के चटकारे कम, उसके सेवन से होनेवाले नुकसान की चर्चा अधिक हो रही है.
मंडी में मांग घटी : शहर के जेनरल स्टोर, किराना स्टोर सहित अन्य दुकानों पर मैगी आसानी से उपलब्ध होता है, लेकिन पिछले दो दिनों के अंदर इसकी मांगों में भारी कमी आयी है. मंडी के दुकानदार राधेश्याम, फिरोज खान, महेंद्र प्रसाद, दिनेश कुमार कहते हैं कि मैगी में रसायन जैसे तत्व पाये जाने की खबर अखबारों व टीवी पर आने के बाद इसकी बिक्री पर असर पड़ा है.
क्या कहते हैं समाजसेवी
शहर के समाजसेवी डॉ एसके सैनी, प्रदीप शरण, प्रियरंजन राय कहते हैं कि खाद्य सामान की गुणवत्ता व मिलावट खोरों की तादाद बढ़ी है. सरकार को इस पर रोक लगानी चाहिए. मैगी में मोनोसोडियम ग्लूटामैट जैसे रसायन पाने जाने की खबर से लोगों के अंदर डर बन गया है. ऐसी स्थिति में इसकी खपत में कमी आयी है. जब तक जांच रिपोर्ट सामने नहीं आ जाये तब तक इससे परहेज करना चाहिए.
वर्ष 2006 में लागू हुआ था कानून : खाद्य पदार्थो में मिलावट रोकने को लेकर वर्ष 2006 में खाद्य संरक्षा व मानक कानून लागू हुआ. इसके तहत जुर्माने का प्रावधान है. खराब गुणवत्तावाले खाद्य पदार्थो की बिक्री पर दो लाख, घटिया खाद्य पदार्थ की बिक्री पर पांच लाख, गलत ब्रांड लगाने पर तीन लाख व भ्रामक विज्ञापन पर 10 लाख रुपये का जुर्माने का प्रावधान है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें