बाढ़ की तैयारी में जुटा प्रशासन, समय रहते सभी कार्य पूरे करने का लक्ष्य
बक्सर : दो दिवसीय कार्यक्रम के तहत एनडीआरएफ-9 की टीम ने जिले के सभी मोटर बोट व लाइफ जैकेट की मरम्मती की, ताकि बाढ़ आने से पहले सभी तरह की तैयारी पूरी की जा सके. टीम ने जिले के विभिन्न स्थानों पर रखे मोटरबोट का निरीक्षण भी किया. साथ ही उनकी पूरी तरह से मरम्मती की.
वहीं, विभिन्न प्रखंड़ों में अंचल कार्यालयों में रखे लाइफ जैकेटों का भी मरम्मत किया. बाढ़ के दौरान आपात परिस्थितियों में मोटर बोट से मदद ली जाती है. कई बार बाढ़ में फंसे लोगों की जान बचाई जाती है. बता दें कि यदि सामान्य नावों से मदद ली जाये, तो बाढ़ में विकट परिस्थिति में फंसे लोगों को नहीं बचाया जा सकता है.
चार प्रखंड़ों में आती है बाढ़ : जिले के चार प्रखंड़ बाढ़ की चपेट में आते हैं, जिसमें बक्सर सदर, सिमरी, चक्की व ब्रह्मपुर प्रखंड शामिल हैं. बाढ़ से बचाव के लिए 70 के दशक में बांध बनाया गया था, लेकिन बांध के पार आज भी हजारों की संख्या में गांव हैं. अपने घर व भूमि छोड़ने के लिए लोग तैयार नहीं हैं.
बाढ़ आने के दौरान हजारों हेक्टेयर भूमि जलमग्न हो जाती है. इस दौरान घरों में पानी भी प्रवेश कर जाता है. अपनी जान बचाने के लिए लोग अपने घरों की छतों पर चढ़ जाते हैं. कई बार पानी अधिक होने पर घर पानी में गिरने लग जाता है. साथ ही बाढ़ के दौरान रात्री में तबियत खराब होने से भी विकट स्थिति पैदा हो जाती है. मोटर बोट के माध्यम से ऐसी परिस्थितियों में आसानी व तेजी के साथ मौके पर पहुंचकर पीड़ित को बचाया जा सकता है.
एनडीआरएफ की टीम ने किया मरम्मती कार्य : बाढ़ की स्थिति को देखते हुए एनडीआरएफ-9 की टीम ने दो दिवसीय कार्यक्रम के तहत जिले में रखे सभी मोटर बोट व लाइफ जैकेट का मरम्मत किया. प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ के दौरान दूर-दराज के इलाकों में परंपरागत नाव से पहुंचने में बहुत समय लग जाता है. इससे जान-माल के अधिक नुकसान होने की संभावना रहती है. वहीं, मोटर बोट बाढ़ की वितरित धाराओं में भी आसानी से तेजी से चलता है. इससे कहीं भी आसानी से पहुंचा जा सकता है. साथ ही लाइफ जैकेट की मदद से बाढ़ में फंसे लोगों को आसानी से निकाला जा सकता है. इस बात को ध्यान में रखते ही एनडीआरएफ की टीम ने मरम्मती अभियान चलाया है.