बिहारशरीफ : वैश्विक महामारी की जंग में कोरोना से जीत हासिल करनी है. इसके लिए सरकार के आदेश के बाद जिला प्रशासन ने घर-घर जाकर स्क्रीनिंग करानी शुरू की है़ पूरे जिले के लिए एक हजार 414 टीमें बनायी गयी हैं. इन टीमों में आंगनबाड़ी सेविका, आशा एवं एएनएम शामिल हैं. स्क्रीनिंग टीम को एक प्रपत्र दिया गया है, जिसे भरकर जमा करना होता है. स्क्रीनिंग के नाम पर खानापूर्ति की जाती है. टीम प्रशासन की आंखों में धूल झोंककर अपना ड्यूटी पूरी करती है. कोरोना जैसे वैश्विक महामारी से जीतने के लिए हर घरों का स्क्रीनिंग करना अत्यावश्यक है.
इसके लिए बनायी गयी टीम घर-घर जाकर सरकार द्वारा मिले प्रपत्र में घर के मुखिया सहित सभी सदस्यों का नाम एवं पता, उम्र, सर्दी, खांसी, बुखार है या नहीं, कोई सदस्य सूबे से बाहर या विदेश से आया है या नहीं. यही पांच सवाल पूछकर स्क्रीनिंग का कार्य पूरा करना है, लेकिन स्क्रीनिंग करने वाली टीम घर जाकर मुखिया का नाम, पता एवं मोबाइल नंबर के साथ घर के सदस्यों का नाम पूछकर चली आती है. प्रपत्र में अंकित महत्वपूर्ण प्रश्नों का जवाब घर के मुखिया से पूछना मुनासिब नहीं समझती है.
इसके अलावा घर में पहुंचने वाली स्क्रीनिंग टीम सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाने से भी बाज नहीं आती है. जिले में पांच लाख 83 हजार 472 घरों की स्क्रीनिंग करानी है. इसके लिये 20 अप्रैल अंतिम तिथि निर्धारित है. रविवार तक मात्र 78 फीसदी घरों की स्क्रीनिंग हो सकी है. इसमें से चार दिनों में करीब चार लाख घरों की स्क्रीनिंग हो पायी है. इस स्क्रीनिंग में अभी तक एक भी संदिग्ध मामला नहीं मिला है, जबकि करीब 175 लोग मार्च महीने में विदेश से लौटे हैं.
इस दौरान जहां-जहां कोरोना के पॉजिटिव केस मिले हैं वैसे क्षेत्रों बिहारशरीफ के 2118, सबैत के 2835 एवं नगरनौसा के 2591 घरों की विशेष स्क्रीनिंग करायी गयी है. स्क्रीनिंग करने गयी टीम मात्र खानापूर्ति कर लौट जाती है. स्क्रीनिंग का प्रतिवेदन सुपरवाइजर को देना है. सुपरवाइजर को प्रत्येक प्रपत्र की जांच कर जमा करना है. क्या कहते हैं अधिकारी :कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए हर घरों की स्क्रीनिंग करायी जा रही है. इसके लिए 1414 टीमें कार्य में लगी हुई हैं. ससमय स्क्रीनिंग कार्य पूरा कर लिये जाने की संभावना है.-डॉ राम सिंह, सिविल सर्जन, नालंदा