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फौजी ने गला रेत कर पत्नी को मार डाला

मृतका के मायके वालों ने सदर अस्पताल में किया हंगामा पठानकोट में फौज में तैनात है मृतका का पति सरोज आरा/कोइलवर : भोजपुर जिले के कोईलवर प्रखंड अंतर्गत चांदी थाना क्षेत्र के जोकटा गांव में गुरुवार की देर रात साथियों के साथ मिलकर एक फौजी ने अपनी पत्नी को मौत के घाट उतार दिया. अवैध […]

मृतका के मायके वालों ने सदर अस्पताल में किया हंगामा
पठानकोट में फौज में तैनात है मृतका का पति सरोज
आरा/कोइलवर : भोजपुर जिले के कोईलवर प्रखंड अंतर्गत चांदी थाना क्षेत्र के जोकटा गांव में गुरुवार की देर रात साथियों के साथ मिलकर एक फौजी ने अपनी पत्नी को मौत के घाट उतार दिया. अवैध संबंध का विरोध करने पर धारदार हथियार से गर्दन काट कर निर्मम तरीके से हत्या की वारदात को अंजाम दिया गया. हत्या करने में मृतका के फौजी पति के साथ चार की संख्या में अपराधी शामिल थे.
मृतका रीता देवी बतायी जा रही है, जो जोकटा गांव निवासी रिटायर्ड फौजी रणधीर सिंह के पुत्र आर्मी मैन सरोज सिंह की पत्नी है. जानकारी के अनुसार यह घटना गुरुवार की मध्य रात्रि की है, जब घर के लोग सो रहे थे. उसी क्रम में पति के साथ मिले अपराधी आ धमके और घटना को अंजाम देकर छत के रास्ते भागने में सफल रहे.
हत्या की वारदात को अंजाम देने के बाद अपराधी भाग रहे थे तभी परिजनों की नींद खुल गयी. हालांकि जब तक परिजन कुछ कर पाते हत्यारे भाग निकले. सुबह पुलिस पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल ले आयी जहां परिजनों ने हंगामा मचाया और पुलिस के खिलाफ भी विरोध जताया. अभी तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी है.
अक्सर होता था विवाद : सूत्रों की मानें, तो पति सरोज व पत्नी रीता के बीच अक्सर ही किसी से अवैध संबंध की बात पर विवाद होता था. हालांकि सास-ससुर अपने इकलौते बेटे के फैसले का विरोध करते रहे व अपनी बहू रीता को खासा प्यार देते थे. इधर, पुलिस मृतका के पति सरोज के सेना में तैनाती व भाग कर घटना को अंजाम देने के मामले की जांच में जुटी है. पुलिस सरोज के मोबाइल का सीडीआर खंगालने में भी जुटी है.
मायके व ससुराल वालों के बीच अस्पताल में हुई बकझक : मृतका के परिजन व ससुराल वालों के बीच अस्पताल में जम कर हंगामा हुआ. दोनों एक-दूसरे पर आरोप लगाते रहे. इस बीच धक्का-मुक्की भी हुई. बाद में कुछ लोगों के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ. हालांकि सूचना के बाद भी पुलिस वहां नहीं थी. दो चौकीदारों के भरोसे सुरक्षा की जिम्मेवारी सौंपी गयी थी. बाद में मौके पर पहुंची नगर थाने की पुलिस ने किसी तरह स्थिति को नियंत्रित किया.
पुलिस की विफलता के कारण गयी जान
घटना के बाद जोकटा पहुंचे मृतका के मायके वालों ने पुलिस पर पक्षपात करने का आरोप लगाया. परिजनों का आरोप है कि पूर्व में दी गयी सूचना के आधार पर अगर पुलिस कार्रवाई की होती, तो शायद रीता की जान बच सकती थी. इस दौरान उन लोगों ने पुलिस पर यह भी आरोप लगाया कि गुरुवार की देर रात पुलिस को सूचना देने के बावजूद भी मौके पर देर से पहुंची, जिसके कारण हत्यारे आराम से भाग निकले.
हत्यारे के पिता ने भी स्वीकारी अवैध संबंध की बात
आरोपित फौजी सरोज सिंह के सेवानिवृत्त आर्मी मैन पिता रणधीर सिंह ने भी अपने पुत्र के अवैध संबंध की बात से इनकार नहीं किया. उन्होंने बताया कि पांच वर्षों से उसका एक लड़की के साथ अवैध संबंध चल रहा था. हमलोगों द्वारा इसका विरोध किया गया, पर वह नहीं माना.
वेतन के पैसे भी वह घर पर नहीं देता था, इससे पूरे परिवार का भरण-पोषण मैं ही चलाता था. दो बच्चे हैं, जिन्हें मैं ही पढ़ाता-लिखाता हूं. बहू की हत्या के बारे में पूछने पर उन्होंने बताया कि मेरी बच्ची भी घटना के दिन बहू के साथ सोयी थी, जिसे हत्यारों द्वारा मारपीट कर जख्मी कर दिया गया. हमलोग दरवाजे पर सोये हुए थे. चिल्लाने की आवाज सुन कर आये, तो देखा की बहू को मार दिया गया है.
शव लेकर मायके वाले चले गये पटना, डीजीपी से लगायी गुहार
इस घटना से गुस्साये मृतका के मायके पक्ष के लोग पोस्टमार्टम के बाद शव को लेकर पटना चले गये. उनलोगों ने बताया कि जिले की पुलिस के आलाधिकारियों के पास भी फोन किया गया, पर उन लोगों द्वारा माकूल जवाब नहीं मिलने के कारण शव को लेकर न्याय की गुहार लगाने मुख्यमंत्री के पास लोग चले गये. हालांकि शव को ले जाते समय भोजपुर जिले के सीमावर्ती इलाकों में पुलिस द्वारा रोकने का प्रयास भी किया गया, पर वे लोग नहीं माने और शव लेकर पटना चले गये, जहां डीजीपी आवास पर पहुंच न्याय की गुहार लगायी.
पांच वर्षों से थे चार लड़कियों से अवैध संबंध
मृतका के भाई निर्मल कुमार ने बताया कि विगत पांच वर्षों से फौजी सरोज सिंह का चार लड़कियों से अवैध संबंध चल रहा था, जिसमें एक लड़की से उसने शादी भी कर ली. इसको लेकर घर में अक्सर विवाद होता था.
इस बात की जानकारी पूरे घर वालों की थी. बावजूद इसके उस पर लगाम नहीं लग पाया. दो साल पहले गरदन दबा कर हत्या करने का प्रयास मेरे जीजा ने किया था, पर समझाने-बुझाने के बाद मामले को दबा दिया गया. घटना के छह माह पूर्व भी जहर का सूई लेकर मारने का प्रयास किया गया था. उसने बताया कि मेरी बहन को 2015 में मृत घोषित कर शोभा नाम की लड़की को सर्विस बुक में नाम चढ़वाना चाहता था. जानकारी मिली, तो विभाग के पदाधिकारियों द्वारा मेरी बहन और उसके बच्चे को पठान कोर्ट बुलाया गया था. छह माह तक ये लोग वहीं रहे, उसके बाद उसने परिवार को जोकटा गांव पहुंचा दिया.
छह माह पहले भी हत्या का किया गया था प्रयास
मृतका के भाई निर्मल कुमार ने बताया कि छह माह पूर्व भी मेरी बहन को जहर का सूई देकर मारने का प्रयास किया गया था, जिसको लेकर चांदी थाने में एक आवेदन भी दिया गया, पर पुलिस द्वारा किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गयी. घटना की सूचना पुलिस को दी गयी थी. परिजनों का आरोप है कि अगर उसी समय पुलिस द्वारा एक्शन लिया जाता, तो आज यह दिन नहीं देखना पड़ता.
घर में घुसे थे अपराधी पर नहीं हुआ आभास
घर के दुआर के बरामदे में सो रहे सास-ससुर रणधीर सिंह को इसका जरा भी आभास नहीं हुआ. घरवालों के अंदेशा को मानें, तो गुरुवार की देर रात घर के पीछे से अपराधियों ने प्रवेश किया होगा. इसके बाद सोची-समझी रणनीति के तहत उसकी हत्या कर दी गयी होगी. हालांकि घरवालों ने बताया कि सरोज विगत दो माह से पठान कोट में तैनात है.

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