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ओपीडी बंद रहने से मरीज रहे परेशान
इमरजेंसी सेवा रही बहाल निजी नर्सिंग होम भी चालू भासा ने की हड़ताल, आइएमए ने किया स्थगित आरा : हाजीपुर के चिकित्सक डॉ अरविंद कुमार की डीएसपी द्वारा की गयी पिटाई के विरोध में भाषा से जुड़े चिकित्सकों ने पूरे जिले में ओपीडी को बंद रखा. एकदिवसीय हड़ताल को लेकर सदर अस्पताल सहित जिले के […]
इमरजेंसी सेवा रही बहाल निजी नर्सिंग होम भी चालू
भासा ने की हड़ताल, आइएमए ने किया स्थगित
आरा : हाजीपुर के चिकित्सक डॉ अरविंद कुमार की डीएसपी द्वारा की गयी पिटाई के विरोध में भाषा से जुड़े चिकित्सकों ने पूरे जिले में ओपीडी को बंद रखा. एकदिवसीय हड़ताल को लेकर सदर अस्पताल सहित जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर ओपीडी को चिकित्सकों ने ठप रखा.
इस कारण जिले भर में मरीजों को काफी परेशानी हुई. स्वास्थ्य व्यवस्था के चरमरा जाने से जिले की स्थिति काफी दयनीय हो गयी. वहीं, आइएमए ने अपना प्रदर्शन स्थगित कर दिया तथा इससे जुड़े सभी चिकित्सकों ने सुबह से अपना कार्य जारी रखा. इस कारण जिले के निजी क्लिनिक, निजी नर्सिंग होम आदि प्रतिदिन की तरह कार्य करते रहे.
सरकारी अस्पतालों में महज आपातकालीन सेवाएं ही जारी रहीं और वहां चिकित्सकों ने अपना कार्य किया. इस कारण निजी नर्सिंग क्लिनिक तथा निजी नर्सिंग होम में मरीजों की भीड़ उमड़ पड़ी. सरकारी अस्पतालों के ओपीडी बंद रहने से पूरे दिन मरीजों का एकमात्र सहारा निजी अस्पताल एवं निजी क्लिनिक ही रहे. ओपीडी बंद करने के बाद चिकित्सकों ने बैठक की तथा चिकित्सक के साथ किये गये दुर्व्यवहार की निंदा की. वहीं, बैठक में हड़ताल की सफलता पर समीक्षा करते हुए बताया कि भाषा से जुड़े सभी चिकित्सक पूरे जिले में ओपीडी कार्य से अपने को अलग रखकर विरोध जताया.
बैठक में डीएस डॉ सतीश कुमार सिन्हा, डॉ प्रतीक, डॉ बीके शुक्ल, डॉ विकास सिंह सहित सभी चिकित्सकों ने सरकार के प्रति आक्रोश व्यक्त किया.
आइएमए ने स्थगित की हड़ताल
चिकित्सक की पिटाई के विरोध में आइएमए द्वारा बुलायी गयी हड़ताल स्थगित कर दी गयी. आइएमए द्वारा बताया गया कि आरोपित डीएसपी के स्थानांतरण के बाद हड़ताल स्थगित करने का निर्णय लिया गया. आइएमए के अध्यक्ष डॉ विजय कुमार सिंह व सचिव डॉ मधु प्रकाश ने बताया कि सोमवार की रात करीब 11 बजे प्रदेश आइएमए द्वारा सूचना मिलने के बाद आयोजित की जानेवाली हड़ताल को स्थगित कर दी गयी.
आपातकालीन विभाग में होता रहा इलाज
सरकारी अस्पतालों में मरीजों की सुविधा को देखते हुए प्रतिदिन की तरह आपातकालीन विभाग में काम होता रहा. इस संबंध में अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ सतीश कुमार सिन्हा ने बताया कि मानवीय दृष्टिकोण के आधार पर तथा सीरियस मरीजों की सुविधा को देखते हुए आपातकालीन सेवा जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में बहाल रखी गयी. इस विभाग में चिकित्सकों ने नियमित रूप से पूरे दिन कार्य किया.
जिले के सभी अस्पतालों के ओपीडी रहे बंद
जिले के प्रमुख सदर अस्पताल सहित सभी प्रखंडों में अवस्थित पीएचसी, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, तीनों रेफरल अस्पताल व जगदीशपुर के अनुमंडलीय अस्पताल के ओपीडी पूर्णत: ठप रहे. किसी भी सरकारी चिकित्सक ने इस विभाग में काम नहीं किया. इस कारण पूरे दिन व्यस्त रहनेवाले ओपीडी पूर्णत: सुनसान रहे. हालांकि जानकारी के अभाव में मरीज ओपीडी में आते व बंद रहने से निराश होकर लौट जाते थे.
निजी क्लिनिक व अस्पतालों में रही भीड़
सरकारी अस्पतालों में ओपीडी बंद रहने के कारण निजी क्लिनिकों व निजी अस्पतालों में मरीजों की काफी भीड़ लगी रही. सुबह से शाम तक मरीज क्लिनिकों व निजी अस्पतालों में जाते दिखायी पड़े. पूरे जिले में ओपीडी से संबंधित मरीजों के लिए निजी क्लिनिक व निजी नर्सिंग होम ही सहारा बने. हालांकि कई गरीब मरीज पैसे के अभाव में निराश हो लौट गये.
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