आरा : राज्य सरकार उच्च शिक्षा को सुदृढ करने के लिए अपने स्तर से प्रयास कर रहा है. विवि को भी इस संबंध में गाइड लाइन जारी किया गया है जिसका विवि पालन कर रहा है. विवि और कॉलेजों के लाख प्रयास के बावजूद भी वर्ग में छात्रों की उपस्थिति 75 प्रतिशत सुनिश्चत नहीं हो पा रही है. इसे लागू कराने को लेकर विवि द्वारा कई तरह के निर्णय लिये गये है. जिससे कॉलेजों और विभागों में छात्रों की उपस्थिति बढ सके.
नामांकन कराने के बाद कॉलेज नहीं आने वाले छात्रों की अब मुश्किले विवि के इस निर्णय से बढ सकती है. अब किसी तरह का बहाना उनका नहीं चलने वाला है. पहले सत्र विवि में नियमित नहीं था जिसके कारण कम अंतराल पर ही विवि द्वारा स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर की परीक्षाएं सत्र नियमित करने को लेकर ली जाती थी, उस समय छात्रों के पास यह बहाना था की कक्षा करने का मौका नहीं मिला, लेकिन अब उनकी किसी तरह की बहानाबाजी नहीं चलने वाली है. विवि का सत्र नियमित है.
स्नातक स्तर की सभी परीक्षाएं आगामी वर्ष में होगी. छात्रों को 180 दिन कक्षा करने का मौका मिलेगा. ऐसे में विवि का यह प्रयास है कि वर्ग में छात्रों की उपस्थिति हो जिससे बेहतर शैक्षणिक माहौल कॉलेजों में बन सके. यही हाल पीजी स्तर का भी है. पीजी सत्र 2016-18 एवं अन्य सत्रों का सेशन नियमित है.
15 दिन रेगुलर वर्ग में नहीं आयेंगे छात्र तो कट जायेगा नाम
विवि ने छात्रों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने को लेकर कॉलेज और विभागों को यह कहा है कि जो छात्र 15 दिन रेगुलर वर्ग में नहीं आते है तो कॉलेज प्रशासन छात्र के अभिभावक को पत्राचार करे. बावजूद इसके स्थिति मे सुधार नहीं हुआ तो छात्र का नाम काट दिया जाये. इसके अलावे इस बार से जो छात्र 75 प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चत नहीं करते है उनका परीक्षा फॉर्म भरने से रोक दिया जाये.विवि पीजी विभागो में छात्रों की उपस्थिति रहती है संतोषजनक
वीर कुंवर सिंह विवि परिसर स्थित पीजी विभाग और अंगिभूत कॉलेजों में पीजी की पढाई होती है.
विवि में पीजी के हर विभागो में छात्रों की उपस्थिति रहती है. यहां 75 प्रतिशत उपस्थिति दर्ज नहीं कराने वाले छात्रों का परीक्षा फॉर्म भी कई विभाग द्वारा भरने से रोक दिया जाता है. जिसका परिणाम है की छात्र नियमित क्लास करने के लिए आते है, वहीं ऐसे अंगीभुत कॉलेज जहां पीजी की पढाई होती है वहां इसका पालन नहीं हो पाता. छात्र नामांकन करा कर परीक्षा फॉर्म भरने ही आते है.
इसके अलावे स्नातक स्तर पर भी सभी कॉलेजों में यही स्थिति है. नामांकन और परीक्षा फॉर्म भरने के दौरान ही छात्र कॉलेज दिखते है जबकि इनसे शपथ पत्र भी लिया जाता है. हालांकि साइंस के कुछ विषयों में पढाई के लिए छात्र नियमित कॉलेज करने आते है. जबकि अन्य विभागों का हाल बुरा है.