आरा/पीरो : दशहरे के पावन और सबसे बड़े त्योहार का आगाज होते ही शहर समेत पूरा ग्रामीण इलाका भक्ति रस से ओत-प्रोत हो गया है. इस दौरान पूजा पंडालों से लेकर मंदिरों तक श्रद्धालुओं का सतत प्रवाह बना हुआ है. नवरात्र सप्तमी को मां का पट खुलते ही शहर सहित जिले के गांव-देहातों में बने पूजा पंडालों में दर्शनार्थियों की भीड़ जुटनी शुरू हो गयी.
मंगलवार को अष्टमी तिथि के क्रम में दोपहर से ही नये परिधानों में लोग पूजा पंडालों की ओर रूख करने लगे. ज्यों-ज्यों दिन ढलता गया, त्यों-त्यों भीड़ बढ़ती गयी और शाम ढलते ही शहर सतरंगी रोशनियों से नहा गया. झिलमल करती रोशनी में शहर की सूरत को और आकर्षक बना दिया. पंडाल घूमने आये, लोगों की आंखे रोशनी से हटती ही नहीं है.
गत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष पर कई जगहों पर पूजा पंडाल नहीं बनाये गये हैं. फिर भी शहर में 30 से अधिक पंडाल बने हैं. जिनमें से कुछ पंडाल ऐसे हैं, जिन्हें अगर न देखे तो पूजा अधूरी रह जायेगी. लोग इन्हीं पंडालों की ओर रूख कर रहे हैं क्योंकि पकड़ी, पीर बाबा, कतीरा, टाउन थाना, नवादा थाना जगह पर पूजा पंडाल कुछ कारणों से नहीं बनाया गया है. इसलिए लोग जो अन्य जगहों पर पंडाल बने है और जहां मां दुर्गा की आकर्षक प्रतिमा है, उसे देखने के लिए रूख कर रहे हैं.
शहर के नवादा चौक, करमन टोला, महावीर टोला, बाबू बाजार, शिवगंज, सपना सिनेमा, शीतल टोला, अनाइठ, बाजार समिति, नाला मोड़, मीरगंज, गिरिजा मोड़, चंदवा मोड़ सहित कई जगहों पर बने पूजा पंडालों में दर्शनार्थियों की भीड़ उमड़ पड़ी. उसी तरह बिहिया, पीरो, शाहपुर, जगदीशपुर सहित जिले के अन्य चट्टी बाजारों पर बने पूजा पंडाल लोगों का मन मोह रहे हैं. गांव देहात से शहर में रखी प्रतिमाओं को देखने पहुंचे लोगों के कारण ट्रैफिक व्यवस्था पर भी असर पड़ा. शाम में शहरी क्षेत्र के लोग भी पंडालों की ओर रूख किये. जिससे शाम के बाद शहर की मुख्य सड़कों पर वाहनों की रफ्तार बेहद धीमी रहीं.