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दियारा के आदमी के कोय माय-बाप नै छै, बाढ़ में सब डूबी भसी गेलै

नाथनगर विधानसभा क्षेत्र के दियारा क्षेत्र के मतदाता

– नाथनगर विधानसभा के दियारा क्षेत्र के मतदाताओं में आक्रोश, लोकसभा व विधानसभा के जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा से घोर नाराजगी

गौतम वेदपाणि, भागलपुर

नाथनगर विधानसभा क्षेत्र के दियारा क्षेत्र के मतदाताओं के बीच शुक्रवार को वोटिंग को लेकर जहां एक ओर उत्साह दिखा. वहीं बीते पांच साल के दौरान लोकसभा व विधानसभा क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा को लेकर घोर नाराजगी भी दिखी. अजमेरीपुर बैरिया पंचायत के रसीदपुर दियारा निवासी कैलाश मंडल उर्फ महंथ जी अपने घर के दरवाजे पर बैठे मिले. उन्होंने बताया कि इस समय दियारा में मकई की फसल की कटाई चल रही है. लोग सुबह चार बजे उठकर अपने खेत पहुंच जाते हैं. मकई की फसल को काटकर खलिहान लाने का सिलसिला बीते 15 दिनों से जारी है. दोपहर 12 बजे तक धूप जब सिर पर चढ़ आता है. तब लोग अपने घर लौटते हैं. खाते-पीते हैं और आराम करते हैं. आज वोट पड़ रहे हैं, तो लोग 10 बजे तक खेत छोड़कर घर लौट आये हैं. तैयार होकर सभी टोटो पर बैठकर करारी स्थित मतदान केंद्र पहुंच रहे हैं. उन्होंने अपने सांसद व विधायक पर आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि दियारा के आदमी के कोय माय-बाप नै छै. बाढ़ में सबकुछ डूबी भसी जाये छै, कोय देखै वाला नै छै. स्थानीय निवासी बालकृष्ण बबलू बताते हैं कि बीते 20 साल से लालूचक पुल से बैरिया गांव के बीच सड़क निर्माण की मांग कर रहे हैं. आजतक गांव वालों की एक मांग पूरी नहीं हुई है. किस मुंह से आकर प्रत्याशी वोट मांगते हैं. मजबूरी में गंगोता प्रत्याशी को वोट देते हैं. सोचते हैं कि एक बार हार जायेगा, तो जाति के प्रत्याशी का कहीं टिकट न कट जाये.

गोसाईंदासपुर व हरिदासपुर में भी नाराज दिखे मतदाता

नाथनगर विधानसभा क्षेत्र के दियारा पर स्थित गोसाईंदासपुर व हरिदासपुर के मतदाताओं के बीच अपने प्रत्याशी को लेकर काफी नाराजगी दिखी. आम मतदाताओं ने कहा कि किसी भी दल का प्रत्याशी गांव में झांकने भी नहीं आया है. प्रत्याशी आते तो कम से कम एक बार अपने गांव की समस्याओं को उनके सामने रखते. गोसाईंदासपुर मध्य विद्यालय में वोट डालने आये अक्षय तिवारी ने बताया कि गांव में परंपरागत रूप से जातिगत वोटिंग होती है, जो जिस दल को सपोर्ट करता है, उसे ही वोट डाल रहा है.

शाहपुर के मतदाताओं ने कहा-दरवाजे तक आती है बाढ़, समस्या का निदान नहीं

नाथनगर दियारा पर स्थित शाहपुर गांव के मतदाता सुधीर सिंह ने बताया कि हर साल घर के दरवाजे तक गंगा नदी उफनाकर चली आती है. इस समस्या से हर साल यहां के हजारों लोगों को दोचार होना पड़ता है. बाढ़ के कारण खरीफ की फसल कभी नहीं होती. सरकार चाहे तो रिंग बांध बनाकर इलाके को इस समस्या से निदान दिला सकती है.

90 वर्षीय वृद्धा हुई नाराज, कहा- एक साल से पेंशन बंद क्यों

शाहपुर निवासी 90 वर्षीय वृद्धा सुदामा देवी को उनके बेटे सहारा देकर मतदान केंद्र तक लाये. मतदान करने के बाद महिला ने कहा कि एक साल से उनका वृद्धा पेंशन बंद है. बेटे ने पेंशन चालू कराने का काफी प्रयास किया, लेकिन अबतक अकाउंट में पैसे नहीं आये हैं. उन्होंने कहा कि अबतक याद भी नहीं कि कितनी बार मतदान कर चुकी हैं.

पहली बार वोटिंग कर रही हूं, काफी खुशी हुई

गोसाईंदासपुर मध्य विद्यालय में वोटिंग करने आयी पूजा कुमारी व प्रीति कुमारी ने कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए पहली बार मतदान किया है. मेरे मत से इलाके का सांसद व देश के प्रधानमंत्री पद का दावेदार तय होगा. मतदान करने के बाद हमें काफी खुशी मिल रही है.

खेते-खेत सात किलोमीटर चले, तब पहुंचे मतदान केंद्र

टीएमबीयू प्रशासनिक भवन के पीछे दियारे पर स्थित अजमेरीपुर व बिंदटोली के मतदाता सात किलोमीटर पैदल चलकर अजमेरीपुर बैरिया स्थित मध्य विद्यालय मतदान केंद्र पहुंचे. मतदाता दिलचंद महतो ने बताया कि अबतक गांव में मतदान केंद्र नहीं बनाया है. डीएम साहब कम से कम चलंत मतदान केंद्र की व्यवस्था कर देते, तो हजारों मतदाताओं को खेते-खेत चलकर यहां नहीं आना पड़ता. वहीं, बिंदटोली निवासी वीरो देवी ने बताया कि पर्ची में उसका नाम वीरो कुमार कर दिया गया है. इतनी दूर पैदल चलकर आये मतदान नहीं करने दिया. वोटर आइडी कार्ड दिखाने के बाद भी नहीं माने.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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