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इंजीनियरिंग कॉलेज: डीआइजी व एसएसपी पहुंचे कॉलेज, हुआ निर्णय, आज से 22 घंटे बिजली देने का वादा

भागलपुर: बिजली नहीं रहने से पिछले दो दिनों से आंदोलित इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र-छात्राओं के साथ शुक्रवार को संवाद संगोष्ठी ऑटो कैड लैब में हुई. इसमें बिजली कंपनी के सीइओ कुलदीप कौल ने शनिवार से 22 घंटे बिजली देने का वादा किया. डीआइजी विकास वैभव ने हिदायत दी कि छात्र-छात्राएं हुजूम में प्राचार्य से नहीं […]

भागलपुर: बिजली नहीं रहने से पिछले दो दिनों से आंदोलित इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र-छात्राओं के साथ शुक्रवार को संवाद संगोष्ठी ऑटो कैड लैब में हुई. इसमें बिजली कंपनी के सीइओ कुलदीप कौल ने शनिवार से 22 घंटे बिजली देने का वादा किया. डीआइजी विकास वैभव ने हिदायत दी कि छात्र-छात्राएं हुजूम में प्राचार्य से नहीं मिलेंगे. सिस्टम के तहत चार-पांच छात्र ही अपनी बात संस्थान के संबंधित अधिकारियों के समक्ष रखेंगे, इस पर सभी विद्यार्थियों ने सहमति जतायी. बैठक में छात्रों ने प्राचार्य व कुछ शिक्षकों के विरुद्ध अपनी बात रखी, जिससे माहौल गरमाने लगा. डीआइजी ने हस्तक्षेप कर मामला शांत कराया.
प्राथमिकी दर्ज, शुरू हो गयी है जांच
डीआइजी विकास वैभव ने कहा कि कॉलेज प्राचार्य के आवास पर तोड़फोड़ की शिकायत हुई है. प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है. जांच के बाद ही कोई निर्णय लिया जायेगा. छात्र-छात्राएं शांतिपूर्ण तरीके से पढ़ाई में मन लगायें. हमेशा निगेटिव रहेंगे, तो पूरी जिंदगी निगेटिव हो जायेगी. हॉस्टल के स्टूडेंट अपनी समस्या वार्डन को बताये, सीधे प्राचार्य के आवास में घुसना ठीक नहीं है. प्राचार्य से मिलने के लिए पांच छात्रों की टीम बना लें. हुजूम में कतई न मिलें. गुस्से जताने का तरीका बताता है कि आप कितने एजुकेटेड हैं. कॉलेज में समस्या न सुनी जाये, तो विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग को लिखें, लेकिन इस तरह का व्यवहार ठीक नहीं है. उनके आने का उद्देश्य सिर्फ इतना है कि छात्रों का भविष्य चौपट न हो जाये.
आपके बारे में पब्लिकक्या कहती है, जानने की करें कोशिश : वरीय पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार ने कहा कि आपके बारे में पब्लिक क्या कहती है, जानने की कोशिश जरूर करें. कॉलेज सिस्टम को छात्र-छात्राएं न भूलें. उन्हें यह समझना होगा कि कौन सी समस्या किस अधिकारी के पास रखनी है.
ऐसी हरकत तुम्हें अच्छा भविष्य नहीं देगी : प्राचार्य
प्राचार्य डॉ निर्मल कुमार के संबोधन से संगोष्ठी शुरू हुई. डॉ कुमार ने कहा कि उनकी भी निजी जिंदगी है. रात में 11 से एक बजे तक उनके आवास पर तोड़फोड़ करना कहां तक जायज है. दिसंबर 2015 में गर्ल्स हॉस्टल पर लड़कों ने हमला किया. जनवरी 2016 में प्राचार्य के आवास पर हमला हुआ. कड़ी कार्रवाई इसलिए नहीं की गयी कि छात्र सुधर जायेंगे. 25 दिसंबर 2016 को उनकी अनुपस्थिति में उनके आवास पर पत्थरबाजी की गयी. एक बार फिर दो दिन पहले पत्थरबाजी व तोड़फोड़ हुई. बिजली देना कंपनी का काम है. जेनेरेटर लोड नहीं ले पाता है. इसकी वजह लड़कियों के सभी कमरे में हीटर का उपयोग होता है. डीजी सेट इंचार्ज प्रो सीपी सिंह ने कहा कि लड़कियां हीटर जलाती हैं, जिससे जनरेटर लोड नहीं ले पाता है.
कैंपस सलेक्शन करेगी कंपनी : कौल
बिजली फ्रेंचाइजी कंपनी के सीइओ कुलदीप कौल ने कहा कि शनिवार से 22 घंटे बिजली मिलेगी. छात्र-छात्राएं अच्छा माहौल बनायेंगे, तो कैंपस सेलेक्शन के बारे में भी कंपनी सोचेगी.
छात्र-छात्राओं ने भी रखा अपना पक्ष
कई छात्र-छात्राओं ने अपना पक्ष रखा. एक छात्र ने कहा कि प्राचार्य के आवास पर कोई पत्थरबाजी नहीं की गयी है. कैंपस में पत्थर है ही नहीं. उन्होंने सवाल उठाया कि छात्र रात में परेशान होंगे, तो शिकायत करने कब जायेंगे. शाम में जेनेरेटर बंद क्यों रहता है. दूसरे छात्र ने सवाल उठाया कि क्या इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र क्रिमिनल, हत्यारे हैं. पूर्व प्राचार्य के कार्यकाल में छात्रों पर प्राथमिकी नहीं होती थी. अब शिकायत करने जाने पर एफआइआर दर्ज करा दी जाती है. प्राचार्य को इस्तीफा दे देनी चाहिए. छात्राओं ने कहा कि वह पानी-बिजली की समस्या लेकर प्राचार्य के पास गयी थी. प्राचार्य उनकी समस्या सुनते ही डांटने-फटकारने लगे. शिकायत सुनने के लिए महिला पदाधिकारी की नियुक्त हो. रामचंद्र साहनी खराब भाषा का प्रयोग करते हैं. उन्हें अविलंब सस्पेंड किया जाये या फिर स्टूडेंट के सामने माफी मांगने को कहा जाये.

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