बरारी थाना को दिये गये आवेदन में कहा गया है कि नीलम कुमारी को सात दिसंबर 2015 को काउंसेलिंग में बुलाया गया था. वहां उस समय की लिखावट और उसके द्वारा उत्तर पुस्तिका में लिखावट को मिलाया गया तो उसे वेरिफाई करने के लिए कहा गया था. जिसके बाद लिखावट के नमूनों को अपराध अनुसंधान विभाग एफएसएल जांच के लिए भेज दिया गया.
वहां से लिखावट मेल नहीं करने की रिपोर्ट भेजी गयी. बीसीइसीइ बोर्ड पटना के परीक्षा नियंत्रक द्वारा जेएलएनएमसीएच के अधीक्षक को मामले में नीलम कुमारी पर धोखाधड़ी कर जीएनएम कोर्स में नामांकन लेने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया गया.