भागलपुर: जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज चिकित्सा अस्पताल स्थित डोयन जांच केंद्र में अधीक्षक के निर्देश पर जांच करने पर रोक लगा दी गयी है. लगातार मिल रही मरीजों की शिकायत के बाद प्रबंधन ने यह निर्णय लिया है.
जांच घर में पैथोलॉजिस्ट के नहीं रहने पर कई बार गलत रिपोर्ट जारी होने की वजह से इलाज में चिकित्सकों को भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता था. मरीजों को दोबारा प्राइवेट जांच घर से जांच रिपोर्ट लानी पड़ती थी. कई बार एचआइवी मरीज को भी जांच रिपोर्ट में भला-चंगा बताया जा चुका है. 28 फरवरी को यहां पदस्थापित पैथोलॉजिस्ट ने इस्तीफा दे दिया था, उसके बाद से बिना चिकित्सक के ही जांच रिपोर्ट मरीजों को दी जा रही थी.
डोयन के कर्मचारियों ने बताया कि पिछले चार दिनों से उनके पास सैंपल नहीं आ रहा है, न ही कोई मरीज कूपन लेकर आता है. जांच घर में कुछ मरीज जांच कराने तो आ जाते हैं, लेकिन कूपन नहीं रहने के कारण उन्हें सरकारी जांच घर या प्राइवेट में जाना पड़ रहा है. मरीजों ने बताया कि सरकारी व्यवस्था में इस तरह की बातें नहीं होनी चाहिए. वेतन नहीं मिलने के कारण स्थानीय को-ऑर्डिनेटर संतोष तिवारी ने भी डोयन से अपने आपको किनारा कर लिया है. उनका कहना है कि जब पैसे नहीं मिलेंगे तो काम करने से क्या फायदा. अधीक्षक डॉ आरसी मंडल ने बताया कि जांच एजेंसी की शिकायत लगातार मिल रही थी. इससे उसे काम बंद करने को कहा गया है. सोमवार को रोगी कल्याण समिति की बैठक के बाद आगे का निर्देश जारी किया जायेगा.