बम फटने से मोटरसाइकिल मेकैनिक गंभीर रूप से जख्मी हो गया है, मायागंज में उसका इलाज किया जा रहा
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बम धमाके में घायल अस्पताल में भरती
बम फटने से मोटरसाइकिल मेकैनिक गंभीर रूप से जख्मी हो गया है, मायागंज में उसका इलाज किया जा रहा बम धमाका किस थाना क्षेत्र में हुआ इसको लेकर इशाकचक, मोजाहिदपुर, बबरगंज, इशाकचक और लोदीपुर थानों के बीच विवाद भागलपुर : बौंसी पुल के समीप शनिवार की रात लगभग साढ़े नौ बजे हुए बम धमाके में […]
बम धमाका किस थाना क्षेत्र में हुआ इसको लेकर इशाकचक, मोजाहिदपुर, बबरगंज, इशाकचक और लोदीपुर थानों के बीच विवाद
भागलपुर : बौंसी पुल के समीप शनिवार की रात लगभग साढ़े नौ बजे हुए बम धमाके में मोटरसाइकिल मेकैनिक अरविंद पंडित गंभीर रूप से घायल है और मायागंज में उसका इलाज किया जा रहा है. लेकिन घटना के 24 घंटे बाद भी पुलिस यह तय नहीं कर पायी है कि घटना वास्तव में किस थाना क्षेत्र में हुई. ऐसे में पुलिस की कार्यशैली पर बड़ा सवाल उठता है.
भागलपुर में बम धमाके की घटनाएं होती रही हैं. ऐसे में इस घटना को लेकर टालमटोल तो यही साबित करता है कि विस्फोटक अधिनियम का एक और केस आस-पास के थाने अपने सिर पर नहीं लेना चाह रहे. घायल के अस्पताल आने के बाद रविवार की सुबह से ही अस्पताल में कार्यरत होमगार्ड ने इशाकचक, बबरगंज और लोदीपुर थाने को कॉल किया.
जहां घटना हुई है वह इलाका मोजाहिदपुर में भी बताया जा रहा है. इनमें से किसी भी थानाध्यक्ष ने बम धमाका अपने थाना क्षेत्र में होने से इनकार कर दिया. घटना के लगभग चौबीस घंटे के बाद रविवार की रात नौ बजे घायल का बयान दर्ज किया गया. बरारी थानाध्यक्ष ने अस्पताल में कार्यरत पुलिस के स्टाफ को बयान दर्ज कर मोजाहिदपुर थाना भेजने का कहा.
थाना क्षेत्र तय नहीं हुआ तो पुलिस भी नहीं पहुंची. शनिवार की रात हुए बम विस्फोट के घटनास्थल का थाना क्षेत्र तय नहीं हुआ इसलिए किसी भी थाने की पुलिस ने घटनास्थल पर जाना उचित नहीं समझा. गंभीर रूप से घायल मोटरसाइकिल मेकैनिक अरविंद पंडित को संदेह है कि लूटपाट के इरादे से उसके ऊपर बम फेंका गया. उसने कहा कि बौंसी पुल के ऊपर रेलवे पटरी के पास से उसके ऊपर बम फेंका गया. उसका कहना है कि वह गुड़हट्टा चौक से अपने जीजा से बकाया पैसा लेकर पैदल ही वापस लालूचक अंगारी
स्थित अपने घर लौट रहा था. तभी किसी अज्ञात ने उसके ऊपर दो बम फेंके. उसने किसी से दुश्मनी की बात नहीं बतायी. बम से घायल अरविंद को किसी अज्ञात व्यक्ति ने निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया. बाद में परिजन उसे मायागंज लेकर आये. अरविंद ने बताया कि उसने कई सालों तक बड़ी पोस्ट ऑफिस के पास मोटरसाइकिल सर्विस सेंटर में काम किया. दो महीने पहले उसे सेंटर से निकाल दिया गया. उसके बाद से वह अपने घर पर ही मोटरसाइकिल मेकैनिक का काम करने लगा.
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