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नाबालिग से दुष्कर्म मामले में पत्रकार दोषी

फेसबुक पर छात्रा से दोस्ती करके फंसाने का आरोप भागलपुर : प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश जनार्दन त्रिपाठी ने शनिवार को नाबालिग स्कूली छात्रा से दुष्कर्म के मामले में खुद को पत्रकार बताने वाले युवक को दोषी करार दिया है. उसके खिलाफ चार अप्रैल को सजा सुनायी जायेगी. आरोपित पत्रकार किशनगंज जिले के गलगलिया थाने के […]

फेसबुक पर छात्रा से दोस्ती करके फंसाने का आरोप

भागलपुर : प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश जनार्दन त्रिपाठी ने शनिवार को नाबालिग स्कूली छात्रा से दुष्कर्म के मामले में खुद को पत्रकार बताने वाले युवक को दोषी करार दिया है. उसके खिलाफ चार अप्रैल को सजा सुनायी जायेगी. आरोपित पत्रकार किशनगंज जिले के गलगलिया थाने के सहनी टोला के दीपांकर वर्मा है, जिसने फेसबुक पर छात्रा से दोस्ती कर अपने जाल में फंसाया था. अपर लोक अभियोजक शंकर जयकिशन मंडल ने पैरवी की.
यह था मामला. सिकंदरपुर मोहल्ले के एक टोले में किराया के मकान में रहने वाली छात्रा से आरोपित दीपांकर की दोस्ती पहले फेसबुक पर हुई. इस दौरान दीपांकर ने छात्रा से मोबाइल नंबर लिया. 12 जनवरी 2016 को दीपांकर ने खुद को बड़े न्यूज चैनल का पत्रकार बताया और छात्रा को भागलपुर पहुंचने की जानकारी दी. उसने छात्रा को शादी का सब्जबाग दिखाया और उसे सैंडिस बुलाया. इसके बाद छात्रा घर नहीं पहुंची. मोजाहिदपुर थाने ने दीपांकर के खिलाफ छात्रा के अपहरण का मामला दर्ज कर उसकी खोजबीन शुरू की.
पुलिस ने छात्रा के मोबाइल लोकेशन और फेसबुक को खंगालने के बाद पता लगा लिया. तत्कालीन थानेदार मनोरंजन भारती ने छात्रा को प्रेमी दीपांकर के साथ दार्जिलिंग जिले के खोरबारी थाना से दो मई 2016 को बरामद किया था. छात्रा ने पांच मई को धारा 164 के बयान में बताया कि सैंडिस बुला कर दीपांकर ने कुछ खाने को दिया था और वह बेहोश हो गयी. जब दूसरे दिन उसे होश आया तब वह एक घने जंगल में थी. उसने बताया कि स्कूल पढ़ने को निकली थी, लेकिन दीपांकर के बहकावे में आकर उसने अपने घर पर सैंडिस से फोन किया कि वह दीपांकर से शादी करने जा रही है.
सनोखर के मुखिया की हत्या के आरोपित को उम्रकैद
प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश जनार्दन त्रिपाठी की अदालत ने शनिवार को सनोखर के मुखिया मो अब्दुल रसीद की हत्या मामले में गांव के ही शेख कारू को उम्रकैद की सजा दी. कोर्ट ने उस पर 13 हजार रुपये का जुर्माना लगाया और नहीं जमा करने पर तीन माह की अतिरिक्त सजा भुगतना होगा. कोर्ट ने घटना के चार अन्य आरोपित मो युनुस, मो अब्दुल कलाम, मो नजमुद्दीन व मो मोजिब को रिहा कर दिया. मामले में प्रमुख आरोपित शेख मुर्सीद की पहले ही सामान्य मौत हो चुकी है.
यह है मामला. 17 फरवरी 2001 को सनोखर मुखिया अब्दुल रसीद गोड्डा से पारिवारिक कार्यक्रम से वापस गाड़ी से लौट रहा था. उनके साथ उनकी पत्नी बीबी हमीला, भतीजा मो उस्मान, दामाद मो फैयाजउद्दीन, अब्दुल हफीज, शेख समसुल व मो खुर्शीद भी थे. अमडंडा के पास आरोपित शेख मुर्सीद, मो युनुस, मो मोजिब, मो शेख कारू, अब्दुल कलाम, मो नजमुद्दीन आदि ने घात लगाये खड़े थे. उसने गाड़ी को घेर लिया शेख मुर्सीद ने पिस्टल से मुखिया अब्दुल रसीद पर फायरिंग कर दी, जिसमें उसके पेट में गोली लगी. इस तरह मुखिया मौके पर ही गिर गया.

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