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12 मार्च को शाम 7:26 के पहले होलिका दहन शुभ

खलीफाबाग चौक, चुनिहारी टोला चौक व मारवाड़ी बहुल क्षेत्रों में दिनभर सुहागिन करती है होलिका दहन को लेकर पूजा-अर्चना भागलपुर : इस बार 12 मार्च को होलिका दहन के लिए देर रात तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा, बल्कि शाम होने के साथ होलिका दहन करना होगा. फाल्गुन पूर्णिमा 12 मार्च रविवार को संध्या सात बज […]

खलीफाबाग चौक, चुनिहारी टोला चौक व मारवाड़ी बहुल क्षेत्रों में दिनभर सुहागिन करती है होलिका दहन को लेकर पूजा-अर्चना

भागलपुर : इस बार 12 मार्च को होलिका दहन के लिए देर रात तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा, बल्कि शाम होने के साथ होलिका दहन करना होगा. फाल्गुन पूर्णिमा 12 मार्च रविवार को संध्या सात बज कर 26 मिनट तक रहेगा. प्रदोष काल में संध्या समय सात बज कर 26 मिनट के अंदर होलिका दहन कर लेना चाहिए. मिथिला पंचांग के अनुसार 7:36 बजे के अंदर होलिका दहन करना होगा.
ज्योतिषाचार्य डॉ सदानंद झा बताते हैं कि जो लोग फाल्गुन पूर्णिमा की तिथि में होली मनाते हैं, उनकी होली 12 मार्च को पूर्णिमा में होगी. जो लोग होलिका दहन के बाद चैत में होली मनाते हैं, उनके लिए होलिकोत्सव रंगोत्सव वसंतोत्सव होलिका भभूति धारण 13 मार्च सोमवार को होगा. मिथिला पंचांग के अनुसार 12 मार्च रविवार को सात बज कर 36 मिनट तक पूर्णिमा है, इसलिए प्रदोष काल में संध्या समय सात बज कर 36 मिनट के अंदर होलिका दहन कर लेना चाहिए
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होलिका दहन में हवा की दिशा से प्रभाव
डॉ झा ने बताया कि होलिका दहन में अगर होलिका की अग्नि पूरब की ओर बहे, तो राजा-प्रजा दोनों सुखी रहता है, अग्निकोण में बहे, तो अग्नि का भय होता है. दक्षिण और नेरित्य कोण में बहे, तो अकाल का भय होता है. पश्चिम में यदि बहे, तो वर्षा होती है. बायव्य कोण में अगर बहे, तो वायु वृद्धि होती है. उत्तर और ईशान कोण में हवा बहे, तो शुभ होता है. निर्वात समय में हवा बहे, तो राजा को हानि होती है.

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