भागलपुर : बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के पूर्व वीसी डॉ मेवालाल चौधरी की कभी भी गिरफ्तारी हो सकती है. बीएयू में नियुक्ति घोटाले की जांच कर रही एसआइटी पूर्व वीसी के खिलाफ चार्जशीट तैयार कर रही है. पूर्व वीसी की गिरफ्तारी के लिए चार्जशीट तैयार होने का इंतजार नहीं किया जायेगा, क्योंकि अब तक की […]
भागलपुर : बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के पूर्व वीसी डॉ मेवालाल चौधरी की कभी भी गिरफ्तारी हो सकती है. बीएयू में नियुक्ति घोटाले की जांच कर रही एसआइटी पूर्व वीसी के खिलाफ चार्जशीट तैयार कर रही है. पूर्व वीसी की गिरफ्तारी के लिए चार्जशीट तैयार होने का इंतजार नहीं किया जायेगा, क्योंकि अब तक की जांच में पूर्व वीसी के खिलाफ पुलिस को पर्याप्त सबूत मिले हैं.
नियुक्ति घोटाले में बुधवार को नया मोड़ सामने आया. पुलिस ने एसीजेएम प्रथम एके श्रीवास्तव की कोर्ट में पांच लोगों का 164 का बयान दर्ज कराया. इन सभी का आरोप है कि नियुक्ति में गड़बड़ी से उनका सेलेक्शन बीएयू में नहीं हो पाया. इन लोगों ने आरटीआइ के जरिये बीएयू से नियुक्ति से संबंधित कई महत्वपूर्ण जानकारी मांगी थी.
कोर्ट से वारंट की भी जरूरत नहीं
बीएयू के पूर्व वीसी मेवालाल चौधरी को गिरफ्तार करने को लेकर पुलिस कानून के जानकारों से राय ले रही है. अभी तक जो बात सामने आयी है, उससे यह साफ हो रहा है कि पूर्व वीसी को गिरफ्तार करने से पूर्व कहीं से अनुमति लेने की जरूरत नहीं है. उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत पुलिस के पास है, इसलिए गिरफ्तारी के लिए कोर्ट के वारंट की भी जरूरत नहीं है.
पुलिस कोर्ट से वारंट जारी कराने के लिए आग्रह करने पर भी विचार कर रही है. भागलपुर कोर्ट के वरीय अधिवक्ता मदन मोहन झा और बेबी ने प्रभात खबर से बातचीत में बताया कि पूर्व वीसी को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस के पास पर्याप्त सबूत है, इसलिए पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर सकती है. वरीय अधिवक्ताओं का कहना है कि पुलिस ने पूर्व वीसी को पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन वह नहीं आये.
उन्होंने ऐसा करके पुलिस को मदद करने का मौका खो दिया. एडीजे के कोर्ट में उनकी अग्रिम जमानत की अर्जी भी खारिज हो चुकी है. ऐसे में उन पर जल्दी ही शिकंजा कसा जा सकता है. प्राथमिकी में पूर्व वीसी का नाम आया है और उन पर 420, 409, 467, 468, 471 और 120 बी धाराएं लगायी गयी हैं. पुलिस पूर्व वीसी के खिलाफ चार्जशीट तैयार कर रही है, जिसमें उनके ऊपर गंभीर आरोप सामने आयेंगे. एसएसपी मनोज कुमार खुद इस केस की मॉनिटरिंग कर रहे हैं.