जलस्तर इतना घट गया है कि गाद निकालने के बाद भी तीन दिन तक ही जलापूर्ति संभव
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मोटर सुधरा, तो जेसीबी खराब,चैनल निर्माण बंद
जलस्तर इतना घट गया है कि गाद निकालने के बाद भी तीन दिन तक ही जलापूर्ति संभव भागलपुर : बरारी वाटर वर्क्स से हो रही जलापूर्ति की स्थिति में सुधार नहीं हो पाया है. सोमवार को भी सुबह में शहर के कई इलाकों में जलापूर्ति ठप रही. दोपहर में मजदूर लगाकर गाद साफ कराये जाने […]
भागलपुर : बरारी वाटर वर्क्स से हो रही जलापूर्ति की स्थिति में सुधार नहीं हो पाया है. सोमवार को भी सुबह में शहर के कई इलाकों में जलापूर्ति ठप रही. दोपहर में मजदूर लगाकर गाद साफ कराये जाने के बाद जलापूर्ति शुरू की गयी, लेकिन वह भी थोड़ी-थोड़ी देर पर. इधर वाटर वर्क्स के इंटकवेल के पास पानी का संकट बरकरार है. गाद निकालने के लिए मजदूरों को लगाया गया है, लेकिन 10 मजदूर बाल्टी-बाल्टी गाद निकाल कर शहर भर को आपूर्ति के लिए जरूरी पानी इंटकवेल तक ला पायेंगे,
इस पर प्रश्न चिह्न लगा है. सोमवार को इंटकवेल के एक मोटर को सुधारा गया, जिससे सात में से चार माेटर चलने लगा और पानी सप्लाइ में बढ़ोतरी हुई. फिर भी शहर में पेयजल संकट बरकरार रहा. चूंकि इसी समय तालाब की सफाई का काम शुरू कर दी गयी है जिससे शहर में पर्याप्त जलापूर्ति नहीं हो पा रही है. वाटरवर्क्स से पानी सप्लाइ के ढीला रवैये से शहरवासियों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है.
जेसीबी खराब होने से चैनल बनाने का काम रुका: जलापूर्ति विशेषज्ञों की मानें, तो वाटरवर्क्स में बिना चैनल बनाये जलापूर्ति संभव नहीं है. गाद निकालने के कारण इंटकवेल तक जलापूर्ति भले ही बढ़ी है, लेकिन इस तरह जलापूर्ति अधिक दिनों तक संभव नहीं है. रविवार को जेसीबी से चैनल बनाने का काम शुरू हुआ था, जो रातभर चला. सुबह जेसीबी के खराब होने के बाद ही चैनल बनाने का काम रोक दिया गया. यहां के लोगों का कहना है कि गंगा का जलस्तर इतना घट गया है कि गाद निकालने के बाद भी तीन दिन तक ही जलापूर्ति संभव है. इससे पहले तक यदि चैनल नहीं बनाया गया, तो जलापूर्ति पूरी तरह से बंद हो जायेगी.
शहर के 60 फीसदी स्थानों पर जलसंकट गहराया : मुंदीचक, बूढ़ानाथ व डिक्शन मोड़ के बाद अब दीपनगर चौक के आसपास क्षेत्रों में पेयजल संकट गहराने लगा है. यहां के पंकज जायसवाल ने बताया कि यहां पर एक माह से पानी की किल्लत है. यहां पर अधिकतम पांच मिनट के लिए सप्लाइ पानी आता है. वह भी पीने लायक नहीं रहता है. वहीं बरारी काजीपाड़ा कॉलोनी के अशोक सरकार ने बताया कि अब भी पानी पीने लायक नहीं आता है. वह भी इतना देर के लिए आता है कि निजी घर वाले ही इसका उपयोग कर सकें. जनता नल में लोगों को पानी नहीं मिल पा रहा है. वहीं रिफ्यूजी कॉलोनी में भी यही स्थिति है. आदमपुर क्षेत्र में पानी लेने के लिए लोगों के लिए मंदिर का प्याऊ ही सहारा बना हुआ है. आदमपुर घाट के समीप के निवास सिंह का कहना है कि उनके आसपास कभी-कभार पानी आता है. इधर परबत्ती में बोरिंग से पानी सप्लाइ दिया जा रहा है. वार्ड 13 में जितनी आबादी है, उस हिसाब से पानी कम आ रहा है. इससे पानी के लिए यहां के लोगों को अब भी भटकना पड़ रहा है. सामाजिक कार्यकर्ता रंजीत मंडल ने बताया कि अभी बोरिंग ठीक चल रहा है, लेकिन पानी ही कम आ रहा है. इसी वार्ड के कंपनीबाग के लोगों को भैरवा तालाब से पानी लाना पड़ता है. लाजपत पार्क के समीप के शिवनंदन ने बताया कि यहां पर बोरिंग का पानी आता है, लेकिन समय पर पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता है. शहर के 60 फीसदी स्थानों पर जलसंकट गहराने लगा है, जबकि अभी पूरा गरमी आना बाकी है.
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