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आत्महत्या के तीन दिन बाद मिला सुसाइड नोट

भागलपुर : बबरगंज के कमलनगर में मौसा के घर आत्महत्या करनेवाले आइटीआइ छात्र सुधांशु का तीन दिन बाद सुसाइड नोट मिला है. उसके मौसा और चाचा उसका सुसाइड नोट की फोटो कॉपी लेकर बबरगंज पुलिस के पास पहुंचे. जिस तथाकथित सुसाइड नोट की फोटो कॉपी बबरगंज पुलिस काे दी गयी है, उसमें लिखा है कि […]

भागलपुर : बबरगंज के कमलनगर में मौसा के घर आत्महत्या करनेवाले आइटीआइ छात्र सुधांशु का तीन दिन बाद सुसाइड नोट मिला है. उसके मौसा और चाचा उसका सुसाइड नोट की फोटो कॉपी लेकर बबरगंज पुलिस के पास पहुंचे. जिस तथाकथित सुसाइड नोट की फोटो कॉपी बबरगंज पुलिस काे दी गयी है, उसमें लिखा है कि वह अपनी मरजी से आत्महत्या कर रहा है, इसके लिए कोई जिम्मेवार नहीं है. सुसाइड नोट में लिखा है कि उसे कुछ मिलने वाला था, लेकिन वह नहीं मिला.

इससे वह दुनिया छोड़ रहा है. पुलिस ने सुधांशु के परिजनों से सुसाइड नोट की ऑरिजिनल कॉपी मांगी,लेकिन शुक्रवार की रात तक ऑरिजिनल कॉपी पुलिस को नहीं सौंपी गयी.

सुसाइड नोट का सच क्या है : तीन दिन बाद सुधांशु का सुसाइड नोट सामने आने से कई सवाल उठ रहे हैं. अगर सुधांशु ने आत्महत्या से पहले सुसाइड नोट लिखा था तो वह अभी तक कहां और किसके पास था. बुधवार को सुधांशु के सुसाइड करने के बाद पुलिस ने उस कमरे की तलाशी ली थी, लेकिन कुछ नहीं मिला.अचानक से सुसाइड नोट कहां से सामने आ गया. अगर उसने सुसाइड नोट लिखी थी, तो उसे किसने वहां से हटाया और क्यों. बुधवार को सुधांशु की मौसेरी बहन स्नेहा और उसकी ननद ने कहा था कि सुधांशु के कमरे से कुछ भी नहीं
मिला था.
सुसाइड नोट को पुलिस सुधांशु का लिखा कैसे मान सकती है जबतक कि उसकी राइटिंग से मिलान नहीं किया जाये. सुसाइड नोट के सामने आने के पीछे क्या राज है. किसको बचाने की कोशिश की जा रही है.

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