शाहकुंड : भारत सरकार के कपड़ा मंत्रालय की सचिव रश्मि वर्मा शनिवार को दरियापुर के बुनकरों की हालत से रूबरू हुईं. उन्होंने कहा कि यहां के बुनकरों को सुविधाओं से लैस किया जायेगा. श्रीमती वर्मा ने कहा कि बुनकरों के उत्थान के लिए 90 फीसदी अनुदान पर करघा मशीन उपलब्ध करायी जायेगी. आवश्यकता पड़ने पर बुनकरो के लिए ट्रोनिंग सेंटर भी खोला जायेगा.
बिचौलियों से मिलेगी मुक्ति : उन्होंने कहा कि बुनकरों को अपने प्रोडक्ट कम कीमत पर बेचने की विवशता है, जिस कारण इनकी माली हालत खराब है. हमारा प्रयास है कि भागलपुर जिला सिल्क के क्षेत्र में अलग पहचान बनाये, ताकि देश-विदेश के सिल्क व्यवसायी यहां के बुनकरों के तैयार कपड़े को सीधे खरीदें. इससे इन्हें बिचौलियों से मुक्ति मिलेगी और इनके बनाये कपड़ों की अच्छी कीमत भी मिलेगी. इस पहल से बुनकरों की आमदनी दोगुनी हो जायेगी.
आसान पद्धति से मिलेगा ऋण : श्रीमती वर्मा ने कहा कि आसान पद्धति से बुनकरों को मुद्रा लोन उपलब्ध कराया जायेगा, ताकि ये लोग कच्चे माल की खरीदारी आसानी से कर सकें. उन्होंने कहा कि बुनकर अगर सशक्त बनेंगे तो नये-नये रूप में सिल्क के मॉडल उपलब्ध होंगे. सचिव ने बुनकरों को भरोसा दिलाया कि मैं आपकी पहचान के लिए प्रयासरत हूं. इसका परिणाम भी जल्द दिखेगा.
इस मौके पर विकास आयुक्त हस्तकरघा आलोक कुमार, प्रधान सचिव एस सिद्धार्थ, मधुकर रेड्डी, जिला खादी ग्रामोद्योग के सचिव अलिम अंसारी, पूर्व सरपंच शकील अहमद, दयानंद झा, प्रिंस मिश्रा आदि मौजूद थे.
बुनकरों ने सौंपा मांग पत्र : दरियापुर, सजौर, इब्राहिमपुर, बांका जिला के कटोरिया, रजौन के सैकड़ों बुनकरों ने सचिव को दस सूत्री मांग पत्र सौंपा. इसमें करघा व चरखा उपलब्ध कराने, बुनकरों के प्रशिक्षण की व्यवस्था करने, मुद्रा बैंक स्टार्ट अप इंडिया के तहत दो लाख से पांच लाख तक का लोन उपलब्ध कराने, 60 साल की आयु के बाद बुनकरों को पांच हजार रुपये मासिक पेंशन देने सहित अन्य मांगें शामिल हैं.