भागलपुर : आंकड़ों के अनुसार, जिले में मां बनने वाली हर सातवीं महिला खून की कमी (गंभीर रूप से एनिमिक) की शिकार है. हर माह औसतन 12 महिलाओं की मौत मां बनने के दौरान या बाद में हो रही है. इनकी मौतों में बड़ा कारण प्रसव के दौरान खून की कमी का होना है. इन मौतों पर लगाम लगाने के लिए जिले के पांच अस्पतालों में बीएसयू (ब्लड स्टोरेज यूनिट) खोलने का निर्णय हुआ. इसके लिए ट्रेनिंग से लेकर बीएसयू के लिए जरूरी इंतजाम कर दिये गये. ब्लड बैंक खून देने को तैयार है बावजूद इन पांचों अस्पतालों के जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारियों से भागते हुए ब्लड बैंक से खून तक उठा नहीं रहे हैं.
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मरीजों की जा रही जान ब्लड बैंक. खून नहीं ले रहे जिम्मेदार
भागलपुर : आंकड़ों के अनुसार, जिले में मां बनने वाली हर सातवीं महिला खून की कमी (गंभीर रूप से एनिमिक) की शिकार है. हर माह औसतन 12 महिलाओं की मौत मां बनने के दौरान या बाद में हो रही है. इनकी मौतों में बड़ा कारण प्रसव के दौरान खून की कमी का होना है. इन […]
इन-इन अस्पतालों में खोला जाना है बीएसयू
अनुमंडल अस्पताल नवगछिया, अनुमंडल अस्पताल कहलगांव, सदर अस्पताल भागलपुर, रेफरल अस्पताल सुलतानगंज व रेफरल अस्पताल नाथनगर.
दो को एनओसी मिला, तीन नहीं ले रहे एनओसी
नवगछिया अस्पताल व कहलगांव को आज की तारीख में ब्लड बैंक जेएलएनएमसीएच द्वारा एनओसी दे दिया गया है, जबकि सदर अस्पताल भागलपुर, रेफरल अस्पताल नाथनगर व सुलतानगंज में बीएसयू का पूरा सेटअप तैयार है, बावजूद यहां के प्रभारी एनओसी को लेकर आवेदन तक ब्लड बैंक को नहीं दिये हैं.
बीएसयू संचालन के लिए दी जा चुकी है ट्रेनिंग
अनुमंडल अस्पताल कहलगांव, रेफरल अस्पताल नाथनगर व सुलतानगंज तथा सदर अस्पताल के लैब टेक्निशियन व पैथोलॉजी प्रभारी या अस्पताल प्रभारियों को बीते 22 से 24 दिसंबर को जेएलएनएमसीएच के ब्लड बैंक में ट्रेनिंग भी दी गयी. बावजूद यहां के जिम्मेदार बीएसयू के लिए खून का उठान करने से कतरा रहे हैं.
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