साहित्यकारों ने की अंगिका को आठवीं अनसूची में शामिल करने की मांग
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अंगिका के हक के लिए होगा संषर्ष
साहित्यकारों ने की अंगिका को आठवीं अनसूची में शामिल करने की मांग नवगछिया : अंगिका दिवस पर बुधवार को इस्माइलपुर प्रखंड के जयमंगल टोला में अंगिका दिवस समारोह पूर्वक मनाया गया. इस अवसर पर इलाके के कई प्रगतिशील लेखकों, साहित्यकारों व कवियों ने अंगिका भाषा को संविधान की आठवीं सूची में शामिल कराने के लिए […]
नवगछिया : अंगिका दिवस पर बुधवार को इस्माइलपुर प्रखंड के जयमंगल टोला में अंगिका दिवस समारोह पूर्वक मनाया गया. इस अवसर पर इलाके के कई प्रगतिशील लेखकों, साहित्यकारों व कवियों ने अंगिका भाषा को संविधान की आठवीं सूची में शामिल कराने के लिए संघर्ष करने का एलान किया.
समारोह का उद्घाटन अंगिका अकादमी के अध्यक्ष प्रो लखनलाल आरोही व अन्य अतिथियों ने किया. मुख्य अतिथि विक्रमशिला हिंदी विवि के कुलसचिव डाॅ देवेंद्रनाथ थे. अध्यक्षता साहित्यकार हीरा प्रसाद हरेंद्र कर रहे थे. मंच संचालन कवि श्रवण बिहारी ने किया.
समारोह के संयोजक डाॅ रमेश मोहन शर्मा आत्मविश्वास ने कहा कि अंगिका भाषा के उत्थान के लिए अब अंदोलन की जरूरत है. इसके लिए सभी साहित्यकार कमर कस लें.
अंगिका अकादमी के अध्यक्ष लखन लाल आरोही ने कहा अंगिका विश्व की किसी भी समृद्ध भाषा की बराबरी की है. ऐसे में इसे संविधान की आठवीं सूची में शामिल किया जाये. अन्य वक्ताओं ने भी संबोधित किया. कार्यक्रम का दूसरा दौर कविताओं, गजल, भाायरी का रहा. इस अवसर पर जदयू के इस्माइलपुर प्रखंड अध्यक्ष व कवि गुलशन कुमार, कवि ब्रह्मदेव ब्रह्म, महेंद्र मयंक, संदीप कपूर, प्रभाष चंद्र मतवाला, रामानंद गुप्त, मनोज कुमार पोद्दार माहीं, पवन कुमार जलोटा, प्रदीप भगत, डॉ जयंत जलद, राजेंद्र मंडल, अरुण अंजाना, रामनारायण स्वामी, नवीन निकुंज, ध्यानानंद जायसवाल आदि मौजूद थे.
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