यहां तक बीच में करीब सवा माह तक यह नशा मुक्ति केंद्र खाली ही रहा. बुधवार को स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन ने सदर अस्पताल का निरीक्षण किया, तो उन्होंने नशा मुक्ति केंद्र पर भरती मरीजों की संख्या पूछी.
उन्हें बताया गया था कि अभी एक ही मरीज भरती है. इसके बाद उन्होंने सिविल सर्जन को आदेश दिया था कि जल्द से जल्द इस केंद्र पर हर प्रकार का नशा करनेवाले लोगों के इलाज का प्रबंध किया जाये. स्वास्थ्य विभाग ने पूर्व में तैयार हर प्रकार के नशे के आदती की सूची को निकाल लिया है. इस सूची में पूरे जिले में 14 हजार से नशेड़ी चिह्नित हुए थे. अब इन्हें आशा के जरिये पुन: खोज कर इनके इलाज की तैयारी शुरू कर दी गयी है.