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अविश्वास प्रस्ताव पर खेमेबाजी

भागलपुर: जिला परिषद अध्यक्ष सविता देवी व उपाध्यक्ष गौरी शंकर सिंह के खिलाफ गुरुवार को निर्मला दास सहित नौ पार्षदों ने डीडीसी को अविश्वास प्रस्ताव लाने का आवेदन दिया था. इसको लेकर शुक्रवार को अध्यक्ष व उपाध्यक्ष ने भी अपने समर्थक पार्षदों के साथ कार्यालय में बैठक की. अध्यक्ष ने बताया कि हमारे पास पर्याप्त […]

भागलपुर: जिला परिषद अध्यक्ष सविता देवी व उपाध्यक्ष गौरी शंकर सिंह के खिलाफ गुरुवार को निर्मला दास सहित नौ पार्षदों ने डीडीसी को अविश्वास प्रस्ताव लाने का आवेदन दिया था. इसको लेकर शुक्रवार को अध्यक्ष व उपाध्यक्ष ने भी अपने समर्थक पार्षदों के साथ कार्यालय में बैठक की.

अध्यक्ष ने बताया कि हमारे पास पर्याप्त पार्षदों का समर्थन है, हमलोग बेहतर कार्य कर रहे हैं. वहीं उपाध्यक्ष ने बताया कि 20 से अधिक पार्षदों का समर्थन हमलोगों के साथ है.

जिप के अन्य पार्षदों का कहना है कि उनको अध्यक्ष व उपाध्यक्ष से किसी तरह की आपत्ति नहीं है. विरोध केवल मुद्दे पर था. कोई भी योजना लंबित नहीं है. अविश्वास प्रस्ताव में जो भी आरोप लगाये गये हैं, उनमें एक भी आरोप सत्य नहीं है. शिक्षक नियोजन, सामान्य बोर्ड की बैठक सहित अन्य कार्य ठीक से हो रहे हैं. पार्षद गौरव राय ने बताया कि बेमतलब की राजनीति में हमलोगों को नहीं फंसना है. पार्षद सुनील पासवान ने बताया कि हमलोग फर्जी दस्तखत के खिलाफ डीडीसी से जांच की मांग करेंगे.

जिस वक्त मैंने साइन किया था वह अध्यक्ष के खिलाफ था, पर इतने दिनों में सब कुछ ठीक हो गया और उपाध्यक्ष को भी शामिल कर लिया गया. इसलिए हम इस चीज का विरोध करते हैं. निर्मला दास ने आवेदन का पृष्ठ बदल कर छेड़छाड़ किया है. इस मामले की जांच हो, और अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में जो हस्ताक्षर आवेदन पर है, उसे निरस्त समझा जाये. उपाध्यक्ष ने बताया कि बैठक में पार्षद गौरव राय, सुनील पासवान, उर्मिला देवी, विजय मंडल, रेणु शर्मा, संजीत सुमन, इंदिरा देवी, पिंकी यादव, सरयुग मंडल, कविता देवी, सुनैना मिश्र, उमा शंकर रजक, अरुण कुमार सिंह, कैलाश यादव, राजेश्वरी सिन्हा, कमल किशोर मंडल, भोला मंडल, रतन माला देवी सहित अन्य मौजूद थे. वहीं निर्मला दास ने बताया कि हमारी 20 पार्षदों से बात हो चुकी है. जब हमलोग बैठक कर रहे थे उस वक्त तीन बार सुनील पासवान को बुलाया, पर वे नहीं आये. इसके बाद सात पार्षद उपाध्यक्ष के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव लगाने की बात कहने लगे. ऐसे में हम सुनील जी की बात मानते या अन्य सातों पार्षदों के साथ होते. हमने कोई फर्जी साइन नहीं किया है. पंचायती राज की धारा के तहत एक बार जो साइन हो जाता है उसे हटाया नहीं जा सकता है.

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