उन्हें निर्देश दिया गया है कि सभी पक्षों को सुनने के बाद रिपोर्ट सौंपे. जिलाधिकारी ने बताया कि डीडीसी की जांच के इतर उन्होंने खुद भी लोगों को अपना पक्ष बताने के लिए कहा. कहा कि लोग उनके पास आएं और अपनी बात रखें. लेकिन कोई आता ही नहीं. जब तक लोग आकर अपनी बात रखेंगे नहीं और अपना पक्ष बतायेंगे नहीं, तब तक मामला स्पष्ट कैसे हो पायेगा. एकतरफा फैसला तो किसी भी कीमत पर नहीं किया जा सकता है.
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लोगों को पक्ष रखने बुलाया, कोई आता ही नहीं
भागलपुर: आठ दिसंबर को समाहरणालय परिसर में धरना के दौरान महिलाओं-पुरुषों को बेरहमी से पुलिस द्वारा लाठी से पीटने के मामले की जांच अभी चल ही रही है. इस पर शुक्रवार को जिलाधिकारी आदेश तितरमारे ने बताया कि मामले की जांच डीडीसी को करने के लिए कहा गया है. वे फिलहाल छुट्टी पर हैं. जल्द […]
भागलपुर: आठ दिसंबर को समाहरणालय परिसर में धरना के दौरान महिलाओं-पुरुषों को बेरहमी से पुलिस द्वारा लाठी से पीटने के मामले की जांच अभी चल ही रही है. इस पर शुक्रवार को जिलाधिकारी आदेश तितरमारे ने बताया कि मामले की जांच डीडीसी को करने के लिए कहा गया है. वे फिलहाल छुट्टी पर हैं. जल्द ही लौट आयेंगे.
प्रभारी मंत्री भी नहीं आये भागलपुर
ज्ञात हो कि समाहरणालय कांड के बाद काफी विरोध होना शुरू हो गया था. विभिन्न संगठनों का विरोध अब भी जारी है. घटना के बाद जिले के प्रभारी मंत्री ललन सिंह ने कहा था कि वे भागलपुर आयेंगे और हर पक्षों की बात सुनने के बाद उचित कार्रवाई की जायेगी. लेकिन प्रभारी मंत्री घटना के 22 दिन बीत जाने के बाद भी नहीं आये.
यह था मामला : जन संसद संस्था की ओर से समाहरणालय परिसर में अनिश्चितकालीन धरना का आयोजन किया गया था. इस दौरान आठ दिसंबर को संस्था की ओर से कुछ महिलाएं डीएम से मिलने पहुंच गयी. वहां पर कई पुरुष भी पहुंच गये. सभी एक साथ डीएम से मिलने की जिद पर अड़ गये थे. समाहरणालय के कर्मचारी का कहना था कि चार-पांच लोग ही डीएम से मिल सकते हैं. लेकिन कोई भी मामने को तैयार नहीं थे. पुलिस पहुंची और सभी को वहां से हटाने लगी. विरोध होने लगा. पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया.
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