भागलपुर : व्यवहार न्यायालय परिसर में नये भवन में बने दस कमरे वाले न्यायिक भवन का शनिवार को पटना हाई कोर्ट के जस्टिस सह निरीक्षी न्याधीश अश्विनी कुमार सिंह ने उदघाटन किया. इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि युवा अधिवक्ता पढ़ाई पर ध्यान देते हुए न्यायिक सेवा की तैयारी करें. हमेशा आरोप-प्रत्यारोप से दूर रहें. उन्होंने कहा कि हमेशा आगे बढ़ने के लिए पॉजिटिव सोच रखनी चाहिए. उन्होंने भी स्वच्छता पर भी अपनी बाते रखी.
वहीं जस्टिस ए अमानुल्लाह ने कहा कि जुडिसियरी से बढ़ कर कोई संस्था नहीं है. उन्होंने अधिक्ताओं से कहा कि आप पर बहुत बड़ी जिम्मेवारी है. यह ऐसी जगह है जहां लोग अन्याय के खिलाफ अरजी लेकर आते हैं. उन्होंने कहा कि व्यक्ति की पहचान उसके कार्य और नॉलेज से होती है. जस्टिस चक्रधारी शरण सिंह ने कहा कि भागलपुर व्यवहार न्यायालय का परिसर बहुत बड़ा है. भागलपुर का अपना ऐतिहासिक महत्व है.
जस्टिस श्री सिंह ने कहा कि इस नये भवन को साफ और स्वच्छ रखने की जिम्मेवरी सभी की है. अपने स्वागत भाषण में जिला एवं सत्र न्यायाधीश अरविंद माधव ने कहा कि इस भवन के निर्माण पर पांच करोड़ की लागत आयी है. कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन प्रथम जिला एवं सत्र न्यायाधीश जनार्दन त्रिपाठी ने किया. मौके पर न्यायिक पदाधिकारियों के अलावा स्टेट बार काउंसिल के उपाध्यक्ष कामेश्वर पांडे, सदस्य प्रेम नाथ ओझा, जिला विधिज्ञ संघ के अध्यक्ष राजेंद्र मंडल, महासचिव संजय मोदी, वरीय अधिवक्ता सत्यनारायण पांडे, अभयकांत झा, अधिवक्तागण सहित व्यवहार न्यायालय के कर्मचारी उपस्थित थे. कार्यक्रम में आने के पहले जस्टिस सह निरीक्षी न्यायाधीश अश्विनी कुमार सिंह को गार्ड आॅफ ऑनर दिया गया.
इससे पूर्व राष्ट्रगान की धुन बजायी गयी और फिर दीप जलाया गया. दीप जलाने में तीनों जस्टिस के अलावा जिला एवं सत्र न्यायाधीश अरविंद माधव, आइजी सुशील मानसिंह खोपड़े, जिलाधिकारी आदेश तितरमारे और एसएसपी मनोज कुमार शामिल थे. न्यायिक पदाधिकारियोंं को संबोधित करनेे के बाद दस कमरे वाले न्यायिक भवन का उद्घाटन फीता काट कर किया गया. उसके बाद जस्टिस सह निरीक्षी न्यायाधीश अश्विनी कुमार सिंह, जस्टिस ए अमानुल्लाह, जस्टिस चक्रधारी शरण सिंह ने नये गार्डन का उद्घाटन और पौधरोपण किया.