भागलपुर: सुंदरवती महिला कॉलेज 12 साल के बाद भी बी प्लस ग्रेड पर ही अटका रह गया. वर्ष 2004 में नैक ने एसएम कॉलेज को बी प्लस ग्रेड दिया था. ए ग्रेड नहीं मिल पाने का पदाधिकारियों व शिक्षकों में मलाल है. ए ग्रेड पाने के लिए छात्राओं, शिक्षकों व पदाधिकारियों ने जी-जान से मेहनत की थी.
छात्राएं क्लास में छुट्टी होने के बाद पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन बनाने में जुट जाया करती थीं, तो संगीत विभाग में दिन भर रिहर्सल चला करता था. मूल्यांकन से पहले हर तरफ की मेहनत यह बता रही थी कि कॉलेज को ए ग्रेड पाने से कोई रोक नहीं सकता है. बताया जा रहा है कि नैक की टीम ने संस्थान की आंतरिक स्थिति को खंगाल लिया.
कमी कहां रह गयी: कॉलेज व विश्वविद्यालय के पदाधिकारी बताते हैं कि तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के कॉलेजों की स्थिति शिक्षकों के मामले में काफी खराब है. शिक्षकों की कमी से कई विभाग बंद हो गये और कई बंद होने के कगार पर हैं. कुछ संस्थान अपनी पुरानी प्रतिष्ठा के बलबूते अस्तित्व बचा पा रहा है. कमोबेश यही स्थिति एसएम कॉलेज की भी है. कॉलेज में आठ हजार छात्राएं हैं और उन्हें पढ़ाने के लिए स्थायी रूप से लगभग 36 शिक्षक कार्यरत हैं. इन्हीं शिक्षकों की बदौलत इंटरमीडिएट, बैचलर व पीजी के कोर्स की पढ़ाई होती है.