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समाहरणालय मामला. डीएम थे बाहरी तत्व के निशाने पर

भागलपुर: समाहरणालय में जन संसद के बैनर तले लोगों को बहला-फुसला कर धरना स्थल पर लाया गया. यहां कुछ बाहरी तत्वों ने भोली-भाली महिलाओं को उकसाया और उन्हें डीएम के चैंबर तक ले गये. यहां पर महिलाओं के पीछे खड़े कुछ बाहरी तत्वों ने हंगामा किया. जिससे पुलिस को वहां से लोगों को बाहर निकालने […]

भागलपुर: समाहरणालय में जन संसद के बैनर तले लोगों को बहला-फुसला कर धरना स्थल पर लाया गया. यहां कुछ बाहरी तत्वों ने भोली-भाली महिलाओं को उकसाया और उन्हें डीएम के चैंबर तक ले गये. यहां पर महिलाओं के पीछे खड़े कुछ बाहरी तत्वों ने हंगामा किया. जिससे पुलिस को वहां से लोगों को बाहर निकालने पर मजबूर होना पड़ा. भीड़ में शामिल बाहरी तत्वों के निशाने पर डीएम थे और साजिश के तहत उनके साथ अप्रिय घटना हो सकती थी. उनकी साजिश को नाकाम किया गया.

इस घटना के दौरान पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा, जिससे कुछ निर्दोष भी चपेट में आ गये. पूरा घटनाक्रम निंदनीय है और इससे प्रशासन सकते में है. यह बातें शुक्रवार को एक संयुक्त पत्रकार वार्ता में प्रमंडलीय आयुक्त अजय कुमार चौधरी, पुलिस महानिरीक्षक सुशील मानसिंह खोपड़े, पुलिस उपमहानिरीक्षक वरुण कुमार सिन्हा ने कही. तीनों प्रशासनिक पदाधिकारियों के साथ गुरुवार की घटना को लेकर हुए तीन घंटे मंत्रणा की. उन्होंने आम लोगों से अपील करते हुए कहा कि हिंसा का सहारा लेने से समस्या का समाधान नहीं होगा. लोक शिकायत के कई तरह के समाधान के तरीके के बावजूद अनिश्चितकालीन धरने को उग्र रूप में तब्दील करना न्यायोचित नहीं है.

भयावह स्थिति से पुलिस थी अनजान : डीआइजी वरुण कुमार सिन्हा ने कहा कि जन संसद के धरना स्थल पर सामान्य तौर पर 4:1 का पुलिस बल तैनात था. ऐसे में पुलिस की सोची-समझी रणनीति का आरोप बेबुनियाद है. धरना स्थल पर अचानक भीड़ को उकसाया गया और डीएम पर हमला करने के लिए कहा गया. अगर पुलिस को इतनी भयावह स्थिति का पता होता, तो वहां पर पहले से डीएसपी व एसडीओ तैनाती कर दिये जाते. लेकिन ऐसी स्थिति का अनुमान नहीं था. एसडीओ से कहा, नाम बताओ, फिर चाहो तो गोली मार दो : डीआइजी ने कहा कि सदर एसडीओ कुमार अनुज को भीड़ में से एक व्यक्ति ने धमकी दी. कहा कि तुम अपना नाम बताओ. इसके बाद चाहे तुम गोली मार दो. संबंधित व्यक्ति का अंदाज यह बताता है कि उसका इरादा ठीक नहीं था. इस बात को लेकर भी पुलिस व प्रशासन दोनों गंभीर हैं. संबंधित व्यक्तियों की सुरक्षा बढ़ा दी गयी है और साथ ही समाहरणालय व अहम पुलिस पदाधिकारी के कार्यालय व आवास पर भी सुरक्षा बढ़ा दी गयी है.
किसी भी कीमत पर नहीं फंसेंगे निर्दोष : आइजी : भागलपुर के जोनल आइजी सुशील मानसिंह खोपड़े ने कहा कि समाहरणालय में हंगामा करने के मामले में छह लोग गिरफ्तार किये गये हैं. पुलिस हर पहलुओं की जांच कर रही है. अभी किसी संगठन के संलिप्त होने के पुख्ता प्रमाण नहीं मिले हैं. यह जरूर है कि घटना के पीछे बाहरी तत्व का हाथ है. जल्द ही मामले की जड़ तलाशी जायेगी और साजिश करनेवाले पकड़े जायेंगे. पुलिस पूरी तरह अलर्ट है. किसी निर्दोष को जबरन नहीं फंसाया जायेगा, क्योंकि मामले की मॉनीटरिंग सभी स्तर से की जा रही है.
महिलाओं को 41 (सी) के तहत थाना से मिला बेल
गुरुवार को समाहरणालय में हुई घटना में घायल महिलाएं दिलदारपुर बिंद टोली की लखिया देवी, वहीं की रहने वाली रामवती देवी, सुल्तानगंज गनगनिया की तबली देवी, भीखनपुर की सुखिया देवी, सुल्तागंज की कैली देवी और भीखनपुर की सुशीला देवी को 41(सी) का लाभ देते हुए थाने से ही बेल दे दिया गया है. इन सभी महिलाओं का मायागंज में इलाज किया जा रहा है. पुलिस की गिरफ्त में आये सभी छह लोगों अजीत आर्यन यादव, बंटी कुमार, रंजन कुमार, पोली पासवान, प्रकाश दास और महेंद्र दास को शुक्रवार को जेल भेज दिया गया.
असली मुद्दा पीछे छूटा निर्दोष की हुई पिटाई
कमिश्नर श्री चौधरी ने कहा कि जन संसद के धरना स्थल पर वासभूमि का मामला था, मगर वहां पर मायागंज जेएलएनएमसीएच व सुलतानगंज में श्रावणी मेला के दौरान हटाये गये अवैध कब्जेधारी भी काफी संख्या में शामिल हो गये थे. इस तरह संगठन का असली मुद्दा पीछे छूट गया और वे लोग महिलाओं को उकसाकर हंगामा करवाया, जिससे पुलिस के लाठीचार्ज में निर्दोष पिट गये, जबकि इससे पहले हुड़दंगी भाग गये.

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