मौसम की बेरुखी से जनजीवन अस्त-व्यस्त
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उफ ! 18 साल में कभी नहीं रहा इतना ठंडा दिन
मौसम की बेरुखी से जनजीवन अस्त-व्यस्त भागलपुर/सबौर : बीते चार दिन से ठंड आम जनजीवन पर कहर ढा रहा है. रात के बाद दिन का पारा लगातार नीचे लुढ़कता आ रहा है. बीते 24 घंटे में दिन का पारा साढ़े चार डिग्री सेल्सियस लुढ़क कर 18 डिग्री सेल्सियस पर आ पहुंचा. ठंड ने बीते 18 […]
भागलपुर/सबौर : बीते चार दिन से ठंड आम जनजीवन पर कहर ढा रहा है. रात के बाद दिन का पारा लगातार नीचे लुढ़कता आ रहा है. बीते 24 घंटे में दिन का पारा साढ़े चार डिग्री सेल्सियस लुढ़क कर 18 डिग्री सेल्सियस पर आ पहुंचा. ठंड ने बीते 18 साल का रिकार्ड को ध्वस्त कर दिया है. 1998 के बाद पहली बार ऐसा है जब दिन का पारा 18 डिग्री सेल्सियस या इससे नीचे हुआ.
इस बार जल्दी आ गयी ठंड : मौसम विभाग की माने तो साल 2015 के नवंबर माह में ठंड पड़ा ही नहीं था. इस बार तो अपेक्षा के विपरीत तीन सप्ताह पहले ही ठंड ने दस्तक दे दी. इस साल जो ठंड दिसंबर के अंतिम सप्ताह में पड़ना चाहिए था वह दिसंबर के शुरुआती सप्ताह में ही पड़ने लगा. मौसम वैज्ञानिक डॉ सुनील कुमार बताते हैं कि इस समय ठंड कश्मीर में हुई बर्फबारी के कारण व पछुआ हवाओं केे कारण है. मौसम के उतार-चढ़ाव को मौसम वैज्ञानिक जलवायु परिवर्तन के नजरिये से देख रहे हैं.
मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण गरमी एवं ठंड भले ही कम दिन के लिए आ रहा है लेकिन जितने समय रह रहा है, रिकार्ड गरमी या ठंड के साथ रह रहा है.
चार डिग्री तक लुढ़का दिन का पारा: मौसम विभाग के अनुसार 12 दिसंबर तक ठंड ऐसे ही लोगों को सतायेगी. इसके बाद दिन का तापमान बढ़ने लगेगा. यह अधिकतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस को पार कर जायेगा. गुरुवार को अधिकतम तापमान साढ़े चार डिग्री सेल्सियस लुढ़क कर 18 डिग्री सेल्सियस पर आ गया. 16 साल में सिर्फ तीन बार नौ या इससे नीचे रहा रात का तापमान: रात के तापमान की बात करें तो गुरुवार को न्यूनतम तापमान 9.6 डिग्री सेल्सियस रहा. इससे पहले बीते 16 साल में रात का पारा सिर्फ तीन बार नौ या इससे नीचे के स्तर पर पहुंचा था. इससे पहले साल 2012 में 7.9 डिग्री सेल्सियस, वर्ष 2009 में 9.0 डिग्री सेल्सियस और अंतिम बार सन 2000 में 8.9 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान रहा. वातावरण में नमी (आर्द्रता) 100 प्रतिशत रहा जबकि दिन भर 5.1 किमी प्रतिघंटे की औसत रफ्तार से उत्तर-पश्चिमी हवाएं बही. हालांकि दोपहर बाद ये हवा का रुख बदलकर पश्चिमी हो गया.
गेहूं के लिए अमृत, आलू-सरसाें के किसान हो जाये सतर्क : माैसम वैज्ञानिक डॉ सुनील बताते है ये ठंड गेहूं की फसल के लिए अमृत साबित होगा तो लंबे समय तक टिकने पर ये ठंड आलू-सरसों की फसल के लिए कहर बन सकता है. ऐसे में किसानों को चाहिए कि वे आलू व सरसों की फसल में सिंचाई न करें. गेंहू की बुआई के लिए यह समय बहुत ही अनुकूल है.
कंपा देनेवाली ठंड, दिन भर नहीं निकला सूरज.
बीते 5 साल में आठ दिसंबर को ये रहा अधिकतम-न्यूनतम तापमान का आंकड़ा
वर्ष अधिकतम न्यूनतम
2015 25.8 डिग्री सेल्सियस 12.2 डिग्री सेल्सियस
2014 22. 2 डिग्री सेल्सियस 10. 6 डिग्री सेल्सियस
2013 25.2 डिग्री सेल्सियस 10.6 डिग्री सेल्सियस
2012 24.7 डिग्री सेल्सियस 7.9 डिग्री सेल्सियस
2011 25.0 डिग्री सेल्सियस 15.2 डिग्री सेल्सियस
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