श्रीमद्भागवत कथा. तीसरे दिन भक्त प्रह्लाद व राजा परीक्षित प्रसंग सुनाया
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सरलता के बिना भगवान को पाना असंभव : गोस्वामी जी
श्रीमद्भागवत कथा. तीसरे दिन भक्त प्रह्लाद व राजा परीक्षित प्रसंग सुनाया भागलपुर : दुनिया में सबसे कठिन है सरल होना, सरलता को पाना. यह कठिन तब है, जब सरल होने का अहंकार हो जाये. जिसने सरलता को पा ली, उसने सरलता से ही भगवान को पा लिया. जब आप सरल नहीं हैं, तो सरलता से […]
भागलपुर : दुनिया में सबसे कठिन है सरल होना, सरलता को पाना. यह कठिन तब है, जब सरल होने का अहंकार हो जाये. जिसने सरलता को पा ली, उसने सरलता से ही भगवान को पा लिया. जब आप सरल नहीं हैं, तो सरलता से भगवान भी नहीं मिलेंगे. भक्ति भी सरलता से ही होती है. उक्त बातें वृंदावन से पधारे पुण्डरिक गोस्वामी जी महाराज ने रविवार को गौशाला में श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन राजा परीक्षित, भक्त प्रह्लाद प्रसंग पर कथा करते हुए कही. उन्होंने इससे पहले मंच पर ध्यान किया. इसके बाद ही कथा शुरू की.
भागवत कृपा : उन्होंने आगे अपने प्रवचन में जीवन, मृत्यु एवं भागवत कृपा पर विस्तार से प्रकाश डाला और कहा कि हमारे जीवन की सभी योजना, व्यवस्था, कर्म, धर्म हमारी सांस पर केंद्रित है. जीवन-मृत्यु के मध्य सांस का अंतर है. किसी भी पल सांस टूटने पर हमारे सारे संबंध बंधन टूट जाते हैं. हमे अपने हर सांस पर भगवत सुमिरन-भजन करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि हमें माया के पीछे नहीं भागना चाहिए, बल्कि मायापति के साथ होना चाहिए. भागवत कथा से ही राजा परीक्षित को व्यास ने भगवान का सुमिरन कराया. राजा परीक्षित की रक्षा स्वयं भगवान ने मां के गर्भ में की थी. भागवत कथा को जगत कल्याण के लिए राजा परीक्षित के माध्यम से प्रदान की.
धर्म की हानि होती, तो भगवान लेते हैं अवतार : आगे भक्त प्रह्लाद प्रसंग पर कथा करते हुए कहा कि भक्त प्रह्लाद की भक्ति से प्रभावित होकर भगवान ने नरसिंह अवतार लिया था. अवतार लेकर भगवान ने उसके पिता को सद्गति दी और प्रह्लाद को शरण दिया. जब-जब धर्म की हानि होती है, अधर्म की व्यापकता होती है. भगवान स्वयं आकर भक्त की रक्षा करते हैं. कथा में यजमान के रूप में शिव अग्रवाल, विमल अग्रवाल, सुनील झुनझुनवाला, रंजीत झुनझुनवाला,
श्रवण बाजोरिया, प्रशांत बाजोरिया, रतन संथालिया, सुरेश भिवानीवाला, ओम झुनझुनवाला, रवि बुधिया, कन्हैया सरावगी शामिल थे. इस मौके पर श्री दादी जी सेवा समिति के शिव अग्रवाल, महासचिव अनिल खेतान, ओमप्रकाश कानोडिया, रामगोपाल पोद्दार, चांद झुनझुनवाला, गोपाल भारती गौड़, मनोज बड़बड़िया, अश्विनी जोशी मोंटी आदि उपस्थित थे.
भगवत कथा सुनते श्रद्धालु व कथावाचन करते पुण्डरिक गोस्वामी जी महाराज.
मीरा की श्रीकृष्ण भक्ति में डूबे दर्शक
वृंदावन से पधारे स्वामी हरिवल्लभ शर्मा के साथ कलाकारों ने मीरा की श्रीकृष्ण भक्ति को दिखाया, तो दर्शक हैरत में पड़ गये. रासलीला में दिखाया कि मीरा को ससुराल वालों ने इतनी यातना दी, तो भी मीरा अपने प्रेम व भक्ति पर अडिग रही.
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