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1910 में भागलपुर पधारे थे रवींद्र नाथ टैगोर

भागलपुर : भागलपुर में देश के महान हस्तियों का आगमन होता रहा है. उनमें एक और नाम राष्ट्रपति के रूप में प्रणब मुखर्जी का शामिल होगा. ऐसा पहली बार होगा कि कोई राष्ट्रपति भागलपुर आयेंगे. इतिहास के पन्ने टटोलें, तो बंगीय साहित्य परिषद का तृतीय वार्षिक अधिवेशन 13 से 15 फरवरी 1910 को भागलपुर में […]

भागलपुर : भागलपुर में देश के महान हस्तियों का आगमन होता रहा है. उनमें एक और नाम राष्ट्रपति के रूप में प्रणब मुखर्जी का शामिल होगा. ऐसा पहली बार होगा कि कोई राष्ट्रपति भागलपुर आयेंगे. इतिहास के पन्ने टटोलें, तो बंगीय साहित्य परिषद का तृतीय वार्षिक अधिवेशन 13 से 15 फरवरी 1910 को भागलपुर में हुआ था.

इसमें भाग लेने कविगुरु रवींद्र नाथ टैगोर आये थे. इतिहास के शिक्षक डॉ रमन सिन्हा ने बताया कि भारत के इतिहास में 1904-05 का काल महत्वपूर्ण था. उसी काल में बंगाल दो भागों में विभाजित किया गया, पूर्वी बंगाल (अब बांग्लादेश) और पश्चिम बंगाल. उस दौरान बंगाली समाज को अपनी भाषा, संस्कृति और अन्य सामाजिक गतिविधियों के लिए एक सूत्र में बनाये रखने के लिए बंगीय साहित्य परिषद के निर्माण पर बल दिया गया. 1904 में इसका पहला संगठन रंगपुर (वर्तमान में बांग्लादेश) में बनाया गया और 1905 में अगस्त में इसका दूसरा संगठन भागलपुर में बनाया गया.

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