भागलपुर : देश के उन सौभाग्यशाली स्थानों में भागलपुर का नाम भी शामिल है, जहां राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के चरण पड़े. गांधीजी का भागलपुर में तीन बार आगमन हुआ था. उनकी पहली यात्रा 11 दिसंबर 1920 को, दूसरी यात्रा एक अक्तूबर 1925 को आैर फिर 1934 में एक अप्रैल को आये थे. इस संदर्भ में जाने-माने इतिहासकार केके दत्त की पुस्तक ‘
गांधीजी इन बिहार’ के हवाले से एसएम कॉलेज के इतिहास विभाग के अतिथि शिक्षक डॉ रविशंकर कुमार चौधरी ने बताया कि 11 दिसंबर 1920 को गांधीजी मुंगेर से भागलपुर कार से आये थे. स्वतंत्रता सेनानी दीपनारायण सिंह के आवास पर रुके थे, जो वर्तमान में जिला जज का आवास है. गांधीजी ने दूसरे दिन 12 दिसंबर को असहयोग आंदोलन के विभिन्न कार्यक्रमों और स्वराज के महत्व को लेकर जनसभा को टिल्हा कोठी के सामने संबोधित किये थे.
दूसरी बार 1925 में गांधीजी प्रोविंसियल मारवाड़ी अग्रवाल महासभा में शामिल हुए और सभा समिति को संबोधित करते हुए हिंदू-मुसलिम एकता पर बल दिया था. 1934 में गांधीजी की तीसरी भागलपुर यात्रा में भूकंप से मुंगेर में मची तबाही को लेकर हुई थी. उन्होंने लाजपत पार्क में जनसभा को संबोधित करते हुए भूकंप के पीड़ितों के लिए राहत देने की अपील की थी. इसमें भागलपुर की महिलाओं ने दो-दो गहने और आम लोगों ने काफी धन से सहयोग किया था. यह धन पटना में भूकंप राहत कमेटी के अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद को सौंप कर गांधीजी से बिहार से लौट गये थे.